
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA-2013) के तहत राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (बायोमेट्रिक सत्यापन) अब अनिवार्य कर दिया गया है। शासन ने साफ कह दिया है — “केवाईसी नहीं? तो राशन नहीं!”
अंतिम तारीख 31 अगस्त 2025 — वरना 3 महीने की भूख हड़ताल मुफ्त!
खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त भूपेन्द्र एस. चौधरी के अनुसार, जिन लोगों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराया है, उन्हें एसएमएस भेजकर अलर्ट किया जाएगा। लेकिन अगर फिर भी केवाईसी नहीं कराया, तो सितंबर से तीन महीने तक राशन वितरण पर रोक लग सकती है।
राशन की दुकान बंद नहीं होगी, बस आपका नाम रजिस्टर से हट जाएगा!”
ये काम ज़रूर करें वरना मिलेगा ‘शून्य यूनिट का प्यार’
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31 अगस्त 2025 तक किसी भी उचित दर की दुकान (ePOS मशीन वाली) पर जाकर ई-केवाईसी कराएं।
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पहले से राशन ले चुके लोग भी केवाईसी ज़रूर कर लें — वरना अगली बार सिर्फ उम्मीद ही बांटेंगे।
बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमारों के लिए राहत व्यवस्था
अगर आपका आधार ऑथेंटिकेशन बार-बार फेल हो रहा है (जैसे कि बुजुर्ग, गंभीर बीमार लोग, दिव्यांग), तो घबराइए मत!
आप अपने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी से संपर्क कर, प्रमाण पत्र के साथ वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नवविवाहिताएं और नए बच्चे: आपसे भी है सरकार को प्यार
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विवाह के बाद जिन महिलाओं का नाम ससुराल के राशन कार्ड में नहीं जुड़ा है, वे ऑनलाइन पोर्टल से यूनिट ट्रांसफर के लिए आवेदन करें।
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5 साल से कम उम्र के बच्चों को फिलहाल ई-केवाईसी से छूट मिली है।
“मतलब बच्चों की टेंशन मत लो, अभी वो सिर्फ दूध के यूनिट पर चल रहे हैं!”
जानकारी चाहिए? दुकान जाइए या वेबसाइट पर क्लिक करिए!
किसी को कोई कन्फ्यूजन है तो नजदीकी उचित दर की दुकान, या खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट से संपर्क कर सकता है।
राशन से जुड़ी जानकारियां अब दाल-चावल जितनी सस्ती और पोर्टल जितनी डिजिटल हो गई हैं।
सोचिए, आपकी थाली में सब्ज़ी बनी है, लेकिन रोटी नहीं… क्योंकि KYC नहीं!
या फिर दुकान पर लंबी लाइन, आप सबसे आगे… लेकिन सिस्टम बोले — “कृपया आधार सत्यापन कराएं।”
भूख इंसान को बहुत कुछ सिखाती है — लेकिन आधार लिंक करना उससे पहले आना चाहिए!
अगर आप राशन कार्ड धारक हैं और केवाईसी नहीं कराई, तो सरकार आपसे 3 महीने का नाता तोड़ सकती है!
31 अगस्त 2025 आखिरी तारीख है।
तो जनाब, राशन चाहिए? तो ई-केवाईसी कराइए! नहीं तो फिर रसोई में सिर्फ गैस बचेगी, तवा और उम्मीद…