
पहलगाम हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत के बाद पूरे देश का गुस्सा उबाल पर है और पाकिस्तान का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ ऐसा कहा कि सीमाओं पर हलचल महसूस की जा रही है।
“मैं तब था ही नहीं” — कांग्रेस की गलतियों पर राहुल गांधी का बयान
सनातन संस्कृति महोत्सव में संतों के बीच बोले राजनाथ:
“जो जैसा चाहता है, वैसा होकर रहेगा। हमारी ज़िम्मेदारी है कि सेना के साथ मिलकर आँख उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दें।”
मतलब, बात सीधे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई — लेकिन GPS चालू है।
बिना नाम लिए नामी इशारे!
राजनाथ सिंह के अनुसार:
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सैनिक रणभूमि में सुरक्षा कर रहे हैं,
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संत जीवनभूमि में संस्कृति की रक्षा कर रहे हैं,
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और मंत्री जी खुद “सेना के साथ मिलकर देश की सीमाओं की रक्षा” सुनिश्चित कर रहे हैं।
अरे भैया, नाम तो नहीं लिया पाकिस्तान का, लेकिन इतने तीखे इशारे देखकर तो ISI का वाई-फाई भी कांप गया होगा!
योगगुरु रामदेव का ‘कराची गुरुकुल’ प्लान!
प्रोग्राम में ही रामदेव बाबा ने पाकिस्तानी आत्मा पर चुटकी लेते हुए कहा:
“पाकिस्तान चार दिन नहीं टिकेगा, अगला गुरुकुल कराची और लाहौर में खोलेंगे।”
यानि योग से नहीं माने तो योगा मैट लेकर चढ़ाई का इशारा?
राजनीति भी गरम, विपक्ष ने भी तंज कसे
मनोज झा (RJD) बोले –
“पुलवामा की रिपोर्ट आई होती तो पहलगाम की नौबत न आती।”
ओवैसी (AIMIM) बोले –
“हम प्रधानमंत्री से उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों पर सख़्त कार्रवाई हो।”
इधर पाकिस्तान कह रहा – “भारत ने बांध बनाया तो ये युद्ध होगा”, और उधर भारत के मंत्री कह रहे – “बस आशीर्वाद दो, बाक़ी सब सेट है!”
क्या फिर हो रहा है ‘सर्जिकल माहौल’ तैयार?
राजनाथ सिंह का “जैसा आप चाहते हैं, वैसा होगा” वाला बयान कहीं संकेत तो नहीं? क्योंकि जब भी ऐसा कुछ कहा जाता है, पाकिस्तान के LOC पर हलचल दिखती है और कुछ दिन बाद… ‘जश्न-ए-सर्जिकल’ होता है!
“जब रक्षा मंत्री के बयान पर तालियों से ज़्यादा ISPR में टेंशन बजे, तो समझिए कि कूटनीति अब फोल्डर से निकलकर फील्ड पर उतरने को तैयार है!”
पहलगाम की त्रासदी पर पूरे देश में आक्रोश है। और रक्षा मंत्री के इस ‘कूटनीतिक गरज’ के बाद अब निगाहें प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति पर टिक गई हैं। क्या इस बार भी ‘मौन जवाब’ की बजाय ‘मोदी स्ट्राइक’ की गूंज होगी?
“मंत्री जी को नहीं पहचाना तो होटल में छापा पड़वा दिया – इगो का ‘फुल प्लेट’ मामला!”