
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एक नोटिस जारी किया है। यह नोटिस राहुल गांधी के उस बयान पर आधारित है जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर वोटर डेटा में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे।
उन्होंने एक महिला वोटर शकुन रानी का उदाहरण देते हुए दावा किया कि उन्होंने दो बार वोट डाला — जिसे चुनाव आयोग ने “झूठा और भ्रामक” करार देते हुए सफाई मांगी है।
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
राहुल गांधी ने अपनी एक प्रेजेंटेशन में कहा कि “यह डेटा चुनाव आयोग का है, और इसमें शकुन रानी नाम की महिला ने दो बार वोट डाला है। टिक का निशान पोलिंग ऑफिसर द्वारा लगाया गया है।”
उन्होंने एक डॉक्यूमेंट दिखाते हुए इसे चुनाव प्रक्रिया में गंभीर चूक बताया था।
चुनाव आयोग का जवाब: “दस्तावेज़ फर्जी हो सकता है”
चुनाव आयोग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि:
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शकुन रानी ने सिर्फ एक बार वोट डाला है।
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राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किया गया दस्तावेज पोलिंग ऑफिसर का नहीं था।
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टिक का निशान भी अधिकारिक तौर पर मान्य नहीं है।
इस आधार पर कर्नाटक चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा है कि वे उन दस्तावेजों को प्रस्तुत करें जिनके आधार पर उन्होंने यह आरोप लगाया।
अब क्या होगा आगे?
अब राहुल गांधी को यह बताना होगा कि:
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उनका स्रोत क्या है?
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उन्होंने जो डॉक्यूमेंट दिखाया, वो कहां से आया?
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क्या वो डेटा ऑफिशियल है?
अगर वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते, तो यह मामला कानूनी मोड़ भी ले सकता है।
सिर्फ डेटा की बात या रणनीति का हिस्सा?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह विवाद 2024 के चुनावों के साये में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
राहुल गांधी पहले भी चुनाव प्रणाली और EVM को लेकर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में यह नया विवाद उनकी रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है।