“यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है” — सतारा केस पर राहुल का हमला

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटण में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध आत्महत्या ने पूरे देश को हिला दिया है।
डॉक्टर ने एक होटल में आत्महत्या की और कथित रूप से सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति पर बलात्कार व उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए।

इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी तूफ़ान मच गया है।

राहुल गांधी का तीखा बयान – “यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मामले पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (Twitter) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा — “महाराष्ट्र के सतारा में बलात्कार और उत्पीड़न से तंग आकर महिला डॉक्टर की आत्महत्या किसी भी सभ्य समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है।

यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत हत्या है।”

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि “बीजेपी से जुड़े कुछ प्रभावशाली लोगों ने उस महिला डॉक्टर पर भ्रष्टाचार के लिए दबाव डालने की कोशिश की।”

“सत्ता संरक्षित अपराध” पर कांग्रेस नेता का वार

राहुल गांधी ने कहा कि “जिसे जनता की रक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, उसी ने इस मासूम के ख़िलाफ़ सबसे घिनौना अपराध किया।”

उन्होंने इस पूरे प्रकरण को “सत्ता-संरक्षित आपराधिक विचारधारा का उदाहरण” बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं सिस्टम के पतन की निशानी हैं।

आरोपी पुलिस अधिकारी ने किया सरेंडर

इस मामले में नामज़द अभियुक्त पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने शनिवार (25 अक्टूबर) को फलटण पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है, हालांकि अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है।

राजनीतिक गर्मी और जनता का सवाल

राहुल गांधी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर “#JusticeForDoctor” ट्रेंड कर रहा है। जनता और विपक्ष की मांग है कि इस केस की निष्पक्ष जाँच हो और प्रभावशाली लोगों की भूमिका सामने लाई जाए।

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