“कुदरत का कहर और इंसानियत की पुकार” — राहुल का संवेदनात्मक संदेश

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

उत्तराखंड के धराली गांव में बादल फटने की त्रासदी के बाद पूरे देश में चिंता का माहौल है। इस भीषण प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की मौत और कई के लापता होने की ख़बरें सामने आ रही हैं। इस संवेदनशील क्षण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गहरी संवेदना और चिंता जताई है।

“प्रभावित परिवारों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है” — राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से आई भारी तबाही के कारण कई लोगों की मौत और कई अन्य के लापता होने की खबर बेहद दुखद और चिंताजनक है।
मैं प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और लापता लोगों के जल्द से जल्द मिलने की आशा करता हूं।”

प्रशासन से राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील

राहुल गांधी ने प्रशासन से मांग की है कि राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आपातकालीन सेवाएं तुरंत सक्रिय हों और राहत शिविरों में ज़रूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मानवीय सहयोग की अपील

राहुल गांधी ने विशेष तौर पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे प्रशासन का सहयोग करें और ज़रूरतमंदों की हर संभव मदद करें

इस अपील को पार्टी के ग्राउंड लेवल कार्यकर्ताओं के लिए एक मानवीय निर्देश के तौर पर देखा जा रहा है — जिसमें राजनीति से ऊपर उठकर ज़मीनी स्तर पर मदद करने की बात की गई है।

राजनीतिक नेतृत्व की असली परीक्षा संकट के समय होती है

राहुल गांधी का ये बयान बताता है कि किसी भी नेता की असली भूमिका तब होती है जब वो दुख की घड़ी में साथ खड़ा हो
जहां एक तरफ प्राकृतिक आपदा से लोग जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सहानुभूति और सहयोग की राजनीति समाज को राहत देने का काम कर सकती है।

इस समय सिर्फ प्रशासन नहीं, हर नागरिक, हर कार्यकर्ता का मानवीय कर्तव्य बनता है कि वह उत्तराखंड के प्रभावित लोगों के साथ खड़ा हो।

क्योंकि जब बादल फटते हैं, तो इंसानियत की ज़रूरत सबसे ज्यादा होती है।

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