
पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीद अशरफ ने सर क्रीक दौरे के दौरान बयान दिया — “सर क्रीक से लेकर जिवानी तक, पाकिस्तानी नौसेना अपनी संप्रभुता और समुद्री सीमाओं के हर इंच की रक्षा करना जानती है।”
यानि सागर की हर लहर अब उनके नियंत्रण में है… बस समुद्र देवता का बयान बाकी है। ये वही सर क्रीक इलाका है, जिस पर भारत और पाकिस्तान दशकों से “सीमा है या सी-मां?” वाली बहस करते रहे हैं।
अब वक्त भी देखिए — जब भारत ने अपनी पश्चिमी सीमाओं (राजस्थान-गुजरात) के पास तीनों सेनाओं के संयुक्त अभ्यास की घोषणा की, तो उधर पाकिस्तान ने भी अपनी नौसेना का झंडा ऊँचा कर दिया।
भारत की ड्रिल 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगी, और भारतीय अधिकारियों ने आदेश भी दे दिया है — “अभ्यास के दौरान राजस्थान और गुजरात के पास विमान उड़ान नहीं भरेंगे।”
कूटनीतिक भाषा में इसे कहते हैं — “हम तैयार हैं, आप भी हो जाइए।”
तीन नए होवरक्राफ्ट से ‘नवीन नौसैनिक उछाल’
एडमिरल अशरफ की यात्रा के दौरान पाकिस्तान नौसेना में तीन नए 2400 TD Hovercraft जोड़े गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये मशीनें उथले पानी, दलदली इलाकों और रेतीले टीलों पर चल सकती हैं — यानि जहाँ नाव डूबती है, वहाँ होवरक्राफ्ट उड़ते हैं।

पाकिस्तानी मीडिया इसे “गेम-चेंजर” बता रहा है, हालांकि रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक ये ज़्यादा “गेम-शो” जैसा बयान लगता है।
सागर के बहाने सियासत की लहर
भारत की रणनीतिक ड्रिल और पाकिस्तान का बयान — दोनों मिलकर साउथ एशिया के समुद्र को भी सस्पेंस थ्रिलर बना रहे हैं।
जहां एक तरफ भारत समुद्री सीमाओं की निगरानी बढ़ा रहा है, वहीं पाकिस्तान “हर इंच की रक्षा” का ऐलान कर रहा है।
अब देखना ये है कि आने वाले हफ्तों में ये लहरें सहयोग की बनेंगी या तनाव की।
“भौकाल से सुरक्षा नहीं, तैयारी से मिलती है”
एडमिरल अशरफ का बयान पाकिस्तानी टीवी पर भले ही देशभक्ति स्पेशल एपिसोड बन गया हो, लेकिन जमीनी सच्चाई यही है — “समुद्र की लहरें बयान से नहीं, जहाज़ों से काबू में आती हैं।” भारत की ओर से शांति की नीति जारी है, पर हां, तैयारियां भी High Tide Mode में हैं।
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