
NIA की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। जांच के दौरान सामने आया कि हमला लश्कर ने ISI के निर्देश पर ही किया था।
हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तान के निवासी
सूत्रों के अनुसार, इस आतंकी घटना में शामिल हाशिम मूसा और अली भाई पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं। हमले के समय आतंकवादी पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के सीधे संपर्क में थे और उन्हें लगातार निर्देश मिल रहे थे।
NIA की जांच में उठाए गए कदम
NIA ने अब तक जो कार्रवाई की है, उसमें शामिल हैं:
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घटनास्थल की 3D मैपिंग
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वारदात की जगह का डंप डेटा एकत्र किया गया
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2800 से ज्यादा लोगों से पूछताछ
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150 से अधिक लोग हिरासत में
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40+ कारतूसों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया
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कई चश्मदीदों के बयान दर्ज
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सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच
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सेटेलाइट फोन की टेक्निकल एनालिसिस
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रेकी की गई जगहों की पहचान
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फोटोग्राफर, होटल मालिक, दुकानदार, ज़िप लाइन वर्कर और टूरिस्ट गाइड से पूछताछ
ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OWG) और प्रतिबंधित संगठनों की भूमिका
NIA ने कई OWG को गिरफ्तार किया है और हुर्रियत व जमाते इस्लामी से जुड़े लोगों के यहां छापे मारे हैं। जांच में पाया गया है कि इन प्रतिबंधित संगठनों ने आतंकियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क तैयार करने में सहयोग किया।
NIA को ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे साबित होता है कि इन संगठनों के कुछ सदस्य नियमित रूप से ओवरग्राउंड वर्करों के संपर्क में थे। कॉल रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है।
हमले की योजना पहले से तैयार
जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। इनके मददगारों से यह भी पता चला है कि पहलगाम के अलावा तीन अन्य स्थानों पर भी हमला करने की योजना थी। हमले से पहले तीन सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल घाटी में किया गया।