पहलगाम हमले पर मोदी की सख्ती: सशस्त्र बलों को लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई, भारत सरकार ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की दिशा में तेज़ी दिखाई है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के शीर्ष रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और CDS जनरल अनिल चौहान मौजूद रहे।

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पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश: “कार्रवाई के तरीके और समय सेना तय करेगी”

करीब 1.5 घंटे चली इस बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक हमला अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प है।
उन्होंने कहा:

“हमारे सशस्त्र बलों को कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है। हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके समर्थकों को धरती के आखिरी कोने से भी ढूंढ निकाला जाएगा।”

आतंकी हमला और पाकिस्तान की ओर इशारा

बैठक में इस बात को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया कि हमले के तार सीमा पार यानी पाकिस्तान से जुड़े हैं। पहलगाम हमला ऐसे समय में हुआ जब जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्वक चुनाव हुए और राज्य आर्थिक विकास की ओर बढ़ रहा था।

विपक्ष भी आया साथ: सर्वदलीय बैठक में मिला समर्थन

पहलगाम हमले के तुरंत बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने भी एकमत होकर सरकार को किसी भी कड़ी कार्रवाई का समर्थन देने की बात कही। यह एकजुटता राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच दुर्लभ लेकिन सकारात्मक संकेत है।

CCS की बैठक: पाकिस्तान के खिलाफ 5 निर्णायक कदम

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए:

  1. सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना

  2. अटारी चेक पोस्ट को अस्थायी रूप से बंद करना

  3. सार्क वीजा सुविधा के तहत पाक नागरिकों के भारत प्रवेश पर रोक

  4. पाक उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य सलाहकारों को देश छोड़ने का आदेश

  5. सभी द्विपक्षीय राजनयिक कार्यक्रमों की समीक्षा और रोकथाम

सेना को खुली छूट: संभावित सैन्य विकल्पों पर चर्चा

बैठक में यह भी तय किया गया कि भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां अब रणनीतिक जवाब देने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगी। सूत्रों के अनुसार, कुछ सर्जिकल ऑपरेशन या साइबर हमलों पर भी विचार किया जा रहा है।

भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर

पहलगाम हमला अब सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की आत्मरक्षा और संप्रभुता का प्रश्न बन चुका है। प्रधानमंत्री मोदी का कड़ा रुख, विपक्ष का समर्थन और सेना को दी गई छूट बताती है कि भारत अब पीछे हटने को तैयार नहीं।

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