
गुरुवार को लोकसभा में कार्यवाही से ज्यादा चर्चा धुआं की रही—असल में ई-सिगरेट का धुआं! अनुराग ठाकुर ने बिना नाम लिए एक TMC सांसद पर आरोप लगाया कि वे संसद के अंदर ई-सिगरेट फूंकते पकड़े गए।
मतलब… सदन में बहस कम, vape clouds ज्यादा नजर आ रहे हैं—ऐसा आरोप है!
अनुराग ठाकुर बोले—“ये सिर्फ नियम तोड़ना नहीं, सदन की मर्यादा का सवाल”
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने यह मुद्दा जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा— “संसद वह जगह है जहां पूरा देश उम्मीद से देखता है… यहां ई-सिगरेट चलाना मर्यादा के खिलाफ है।”
उनके मुताबिक ये मामला सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि संसद की गरिमा पर भी चोट है। सुनकर सदन में थोड़ा स्मोक अलार्म वाला माहौल बन गया।
ओम बिरला का सख्त रुख—“नियम तोड़ेंगे तो कार्रवाई पक्की!”
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत जवाब देते हुए कहा— अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। लेकिन अगर शिकायत आयी और सबूत मिले। तो सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी। यानी मामला “आरोप” से “जांच” की ओर बढ़ चुका है।
और स्पीकर साफ कर चुके हैं कि— “नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
क्या वाकई किसी ने ई-सिगरेट चलाई? जांच के बाद होगा फैसला
फिलहाल ये सब आरोपों पर आधारित है, लेकिन संकेत साफ हैं— अगर फुटेज या सबूत सामने आए… तो सदन में आगे और घमासान हो सकता है।
राजनीति में धुआं बिना आग के नहीं उठता…और सदन में धुआं ई-सिगरेट से उठता मिल जाए तो खबर तो बननी ही थी!
लोकसभा में कानून बनते हैं…लेकिन आज का माहौल कुछ ऐसा था जैसे किसी ने नियमपुस्तिका के बीच में vape cartridge रख दी हो।
अब नज़रें जांच और आने वाले एक्शन पर।
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E-Cigarette क्या है?
E-Cigarette एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो निकोटिन वाला वाष्प (vapor) बनाता है। इसे vaping कहा जाता है।
- इसमें तंबाकू नहीं होता
- लेकिन निकोटिन अक्सर मौजूद रहता है
- बैटरी से चलता है
- Vape liquid को गर्म करके धुआं जैसा बादल बनाता है
यंग लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय हुआ था।

भारत में E-Cigarette बैन क्यों हुआ?
भारत सरकार ने 2019 में सभी प्रकार की e-cigarettes, vape pens, e-hookah को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया।
मुख्य कारण:
- नशे की लत बढ़ना
- युवाओं में निकोटिन की dependency
- long-term health research की कमी
- फेफड़ों पर बुरा प्रभाव
- schools/colleges में तेजी से बढ़ता उपयोग
इसलिए निर्माण, बिक्री, वितरण, विज्ञापन—सब illegal है।
क्या E-Cigarette तंबाकू से कम हानिकारक है?
कई expert कहते हैं कि यह “कम harmful” हो सकती है, लेकिन WHO और भारत सरकार स्पष्ट, “Not Safe. Not Recommended.” क्योंकि
निकोटिन की लत
फेफड़ों में सूजन
हृदय रोग का खतरा
teenagers में brain development पर असर
ये सभी खतरे बने रहते हैं।
एक लाइन में समझिए
E-Cigarette ना healthy है, ना safe—और भारत में पूरी तरह illegal है।
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