
शनिवार को खेले गए महिला हॉकी एशिया कप 2025 के पूल मुक़ाबले में भारत और जापान के बीच संघर्ष इतना तगड़ा था कि आख़िरी मिनट तक फैंस की धड़कनें थमी रहीं। और जब 58वें मिनट में जापान ने बढ़त बना ली, तो लगा कि ये मैच हाथ से फिसल गया।
लेकिन मैदान में थीं नवनीत कौर, जिनकी 58वें मिनट के बाद वाली पेनल्टी कॉर्नर पर फायर की गई स्ट्रोक ने भारत के लिए बाज़ी पलट दी।
पहले हाफ़ की जंग: बराबरी की टक्कर
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10वें मिनट में जापान की हिरोका मुरायामा ने गोल दागकर शुरुआत में ही भारत को चौंका दिया।
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लेकिन भारतीय टीम भी पीछे हटने वालों में से नहीं थी।
30वें मिनट में ऋतुजा दादासो पिसल ने गोल कर स्कोर को 1-1 कर दिया।
फैंस ने राहत की सांस ली… “ये लड़कियां लड़ना जानती हैं!” – कमेंट्री में सुनाई पड़ा।
दूसरे हाफ़ में ड्रामा ऑन फुल वॉल्यूम
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58वें मिनट में जापान की चिको फुजीबयाशी ने फिर से बढ़त दिला दी।
स्कोर: 2-1 – अब बस दो मिनट बचे थे।
भारत के कोच ने सिर पकड़ लिया, और दर्शकों ने ट्विटर खोल लिया — “Oh no, not again!”

फिर हुआ चमत्कार: नवनीत का ‘Navneet-verse’ पल
लगभग आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला। नवनीत कौर आईं… स्टिक उठाई… और गेंद सीधे नेट के किनारे से होती हुई गोल!
2-2… गेम ओवर, इज़्ज़त बची!
ये कोई “बॉलीवुड फिनाले” नहीं था, ये रियल लाइफ हॉकी का एक थ्रिलर मोमेंट था।
मैच का स्कोरबोर्ड सारांश
मिनट | टीम | खिलाड़ी | गोल |
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10’ | जापान | हिरोका मुरायामा | 1 |
30’ | भारत | ऋतुजा दादासो पिसल | 1 |
58’ | जापान | चिको फुजीबयाशी | 1 |
60’ | भारत | नवनीत कौर | 1 |
जब आख़िरी मिनट बना हीरो की कहानी का मंच
भारत की महिला हॉकी टीम ने दिखा दिया कि अंत तक लड़ने वाली भावना ही असली जीत होती है।
नवनीत कौर ने जो कर दिखाया, वो सिर्फ़ एक गोल नहीं था — वो भारत की स्पोर्टिंग आत्मा का “बज़बीर” मोमेंट था!
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