‘Howdy Modi’ याद है? हर्षवर्धन श्रृंगला- “Howdy Sansad” कहने वाले हैं

सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक
सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक

मुंबई में जन्मे हर्षवर्धन श्रृंगला का सफर सरकारी गलियारों से होते हुए अब संसद तक पहुँच गया है। मेयो कॉलेज, अजमेर से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से स्नातक किया। उनके पिता भी प्रशासनिक सेवा में थे — यानी सेवा परिवार की परंपरा रही है।

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विदेशों की खाक छान चुके हैं!

1984 में IFS में भर्ती होने के बाद, श्रृंगला ने वियतनाम, इजराइल, फ्रांस, यूएन मिशन न्यूयॉर्क, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, बांग्लादेश और अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके कार्यकाल में ही अमेरिका में ‘Howdy Modi’ कार्यक्रम हुआ — जहां मोदी से ज्यादा तालियाँ ट्रम्प को मिल गई थीं, पर बात छेड़ेंगे नहीं!

G20 समिट में निभाई थी बड़ी भूमिका

2023 में दिल्ली में हुई G20 बैठक में वे मुख्य समन्वयक रहे। यह वही समिट थी जहां दुनिया भर के नेता दिल्ली की गर्मी झेलते हुए भारत के लोकतंत्र की गर्मजोशी महसूस कर रहे थे।

रिसर्च भी, राजनीति भी!

श्रृंगला के कई रिसर्च पेपर छप चुके हैं — खासकर भारत-बांग्लादेश संबंध, प्रवासी नीति, और आर्थिक कूटनीति पर। अब वो नीतियां बनाने वाले सदन का हिस्सा होंगे, जहां बहस कम और शोर ज्यादा होता है।

राष्ट्रपति मनोनयन: ये कैसे होता है?

संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राष्ट्रपति 12 लोगों को राज्यसभा में नामित कर सकते हैं जो साहित्य, कला, विज्ञान और समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हों। हर्षवर्धन श्रृंगला का नाम भी इसी श्रेणी में आया है।

अब सवाल उठता है — क्या अब विदेश नीति पर उनकी आवाज संसद में गूंजेगी या व्हिप के आगे सब खामोश?

थोड़ा थोड़ा तथ्य

राजनीति में ये पहला मौका नहीं जब एक करियर डिप्लोमैट को सांसद बनाया गया हो — पर ये जरूर पहला मौका है जब “Howdy Modi” के आयोजक अब “Howdy Sansad” कहने वाले हैं।

कभी व्हाइट हाउस के कॉरिडोर में चलते थे, अब संसद की कैंटीन में लाइन में लग सकते हैं।

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