हमास-लश्कर की खतरनाक साठगांठ: पहलगाम हमला सिर्फ एक वार नहीं, पूरी साजिश की कहानी है

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

भारत की सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है — पहलगाम आतंकी हमला हमास के पैटर्न पर आधारित था, और इसकी जड़ें पाकिस्तान में आयोजित उस बैठक से जुड़ी हैं, जिसमें हमास, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकी एक साथ मौजूद थे।

भारत के साथ तनाव? पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को आया BP Low!

पहली बार एक मंच पर दिखे हमास और लश्कर के आतंकी

सूत्रों के अनुसार, 5 फरवरी 2025 को पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में एक सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें:

लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी

हमास के खालिद कदुमी और नाजी जहीर

जैश-ए-मोहम्मद के रऊफ असगर

मसूद अजहर का भाई तलाह सैफ

जैसे नाम शामिल थे। करीब 100 से अधिक आतंकियों ने हिस्सा लिया, जिनमें अधिकतर विदेशी मूल के थे।

यह पहली बार था जब हमास और लश्कर एक ही मंच पर दिखाई दिए — इससे आतंकी नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय साठगांठ की पुष्टि होती है।

पहलगाम हमले में ‘हमास’ की शैली

पहलगाम हमले में निम्न बातें सामने आईं जो हमास की ‘गाजा हमला’ शैली से मेल खाती हैं:

पॉइंट ब्लेंक रेंज से हत्या

पहचान पूछकर चुन-चुनकर मारना

सिर, माथा और गर्दन पर गोलियां चलाना

कलमा पढ़ने के लिए बाध्य करना

हमले से पहले रेकी और ज्यादा भीड़ का इंतज़ार करना

पर्यटकों का म्यूजिक फेस्टिवल जैसा माहौल चुनना

यह सब वही शैली है जिसे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल के म्यूजिक फेस्टिवल पर किए गए हमले में अपनाया था।

जैश के मुख्यालय में हमास की मौजूदगी, वीडियो सबूत में सामने आया

हमले से सिर्फ 3 दिन पहले, 19 अप्रैल को बहावलपुर (पाकिस्तान) स्थित जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर में एक गुप्त बैठक हुई, जिसमें:

हमास का ईरान प्रतिनिधि खालिद कयूमी

जैश के आतंकी रऊफ असगर

शामिल थे। इस मीटिंग का वीडियो भी सामने आया है जिसमें:

जैश के झंडे लगी काली SUV गाड़ी

डीजे पर जैश का गाना

जैश के आतंकी घेरे में हमास का नेता

साफ़ तौर पर दिख रहे हैं। यह संकेत है कि पहलगाम हमले की फाइनल स्क्रिप्ट पाकिस्तान में ही लिखी गई थी।

भारत को चुनकर निशाना बनाना — आतंक का नया एजेंडा?

पहलगाम हमला यह साफ करता है कि अब आतंकवाद भारत के खिलाफ एक सुनियोजित, अंतरराष्ट्रीय एजेंडा का हिस्सा बन चुका है। इजराइल जैसे पैटर्न को दोहराना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब “प्रॉक्सी वॉर” से आगे बढ़कर वैश्विक आतंकी नेटवर्क को भारत में लागू करने की साजिश रच रहा है।

वैश्विक चेतावनी की ज़रूरत

यह कोई स्थानीय आतंकी घटना नहीं थी, बल्कि हमास, लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों के बीच गहरे गठजोड़ की परिणति थी।
भारत को चाहिए कि वह यह मुद्दा:

संयुक्त राष्ट्र,

इंटरपोल,

और IMF जैसी वैश्विक एजेंसियों के सामने रखे, ताकि आतंक का आर्थिक और रणनीतिक पोषण करने वालों पर कार्रवाई हो।

UPSC के लिए करेंट अफेयर्स: सिविल सर्विसेज परीक्षार्थियों के लिए टॉप घटनाएं व विश्लेषण

Related posts