
गोवा नाइट क्लब अग्निकांड मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह साफ होता जा रहा है कि यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि सिस्टम की Collective Failure है। गोवा पुलिस अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और 50 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
इनमें क्लब स्टाफ, चश्मदीद, पंचायत अधिकारी और सरकारी विभागों के अफसर शामिल हैं। जांच की दिशा साफ है—लापरवाही + लाइसेंस राज + आंख मूंदा सिस्टम = बड़ा हादसा।
विवादों में क्लब की जमीन
‘Birch by Romeo Lane’ क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के बिजनेस पार्टनर अजय गुप्ता पहले ही गिरफ्त में हैं। जांच में सामने आया है कि 28 नवंबर 2023 को विवादित जमीन पर लीज एग्रीमेंट किया गया। जमीन को लेकर गोवा सिविल कोर्ट में केस पेंडिंग है। यानि क्लब की नींव ही विवाद पर खड़ी थी।
Panchayat की बड़ी चूक: लाइसेंस का खेल
जांच में सामने आया कि क्लब को चलाने के लिए 7 अलग-अलग मंजूरियां दी गईं। अर्पोरा पंचायत ने 16 दिसंबर 2023 को ट्रेड लाइसेंस जारी किया। लाइसेंस मार्च 2024 में खत्म हो गया, लेकिन क्लब चलता रहा।
Goa Panchayat Raj Act – Section 72A पंचायत को सील करने का अधिकार देता है, लेकिन यहां एक्शन Zero रहा।
अब गिरफ्तारी के डर से सरपंच रोशन रेडकर। पंचायत सचिव रघुवीर भागकर ने सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

Fire Safety? That Was Optional!
तकनीकी जांच में खुलासा हुआ कि क्लब के पास
Fire Safety NOC नहीं थी
तय क्षमता 150, लेकिन अंदर कई गुना ज्यादा भीड़
Pollution Control Board की मंजूरी 2039 तक
मतलब—Environment Safe, Humans Unsafe!
Suspensions भी हुए
इस पूरे मामले में गोवा सरकार ने अब तक 3 अधिकारियों को सस्पेंड किया है:
- पंचायत निदेशक सिद्धि तुषार हरलणकर
- GSPCB की पूर्व सचिव डॉ. शमीला मोंटेइरो
- पंचायत सचिव रघुवीर डी. बागकर
Accident नहीं, Warning थी
यह केस सिर्फ एक क्लब या आग की कहानी नहीं है। यह लाइसेंस सिस्टम, पंचायत पॉवर और सेफ्टी नियमों पर बड़ा सवाल है। जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक ऐसी आग सिर्फ इमारतें नहीं—जिंदगियां जलाती रहेंगी।
पीएम मोदी बोले—“आप बस काम करिए, यह मजदूर आपके पीछे खड़ा है”
