मितरों, दिल्ली में अब सिर्फ दिल ही नहीं, Peg भी जवां होने वाले हैं!

शकील सैफी
शकील सैफी

दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति पर विचार कर रही है, और चर्चा है कि बीयर पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी जाए। यानी अब सिर्फ दिल ही नहीं, Peg भी जवां होने वाले हैं! अगर ये प्रस्ताव पास हो गया, तो राजधानी में “आधिकारिक चीयर्स” चार साल पहले ही शुरू हो जाएगी।

25 की उम्र में MBA और मिडलाइफ क्राइसिस… पर बीयर नहीं?

दिल्ली में अभी बीयर पीने की वैध उम्र 25 साल है। Ironically, इसी उम्र में लोग अपना तीसरा ब्रेकअप, पहली नौकरी की छुट्टी और मेडिटेशन ऐप का सब्सक्रिप्शन भी ले चुके होते हैं — पर बीयर लेना? गुनाह है हुज़ूर!

दूसरी ओर, नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद जैसे पड़ोसी शहरों में 21 की उम्र में ही लोग चीयर्स कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली वालों को बॉर्डर पार जाकर बीयर लेनी पड़ती है। और नहीं, ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, रोज़ की हकीकत है।

हाई लेवल मीटिंग या “BYOB” मीटिंग?

इस ऐतिहासिक निर्णय की चर्चा हुई एक हाई लेवल मीटिंग में, जिसकी अध्यक्षता की PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने। साथ थे उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और अशीष सूद
मीटिंग का एजेंडा क्या था?

राजस्व की टेंशन, ब्लैक मार्केटिंग की रोकथाम और युवाओं को “विधिवत” बीयर उपलब्ध करवाना।

सूत्रों की मानें तो मीटिंग में चाय नहीं, “नीति” गरम थी। अगला स्टेप होगा – प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश करना। फिर पास, और फिर पासिंग आउट पार्टी।

सस्ती बीयर = ज्यादा टैक्स = खुश सरकार?

सरकार मानती है कि बीयर सस्ती और एसेसिबल होगी तो लोग अवैध शराब से बचेंगे।
इससे होगा ब्लैक मार्केट को झटका। सरकारी खजाने को चढ़ता तापमान और जनता को थोड़ा Legal फन साथ ही, आबकारी नीति में प्रावधान है कि प्राइवेट वेंडर्स को मौका दिया जाएगा ताकि सरकारी दुकानों की लंबी लाइनें और “मूड खराब करने वाले मोमेंट्स” कम हो जाएं।

प्राइवेट वेंडर्स = Coolers & Craft बीयर!

फिलहाल दिल्ली में सिर्फ 4 सरकारी बीयर वेंडर हैं — यानी 20 लाख लोगों पर एक दुकान। अब नई नीति के तहत सरकार हाइब्रिड मॉडल लाना चाहती है जिसमें प्राइवेट प्लेयर भी बाज़ार में आएं और प्रीमियम ब्रांड्स को भी शोकेस किया जाए।

सोचिए, अब आपको “सरकारी ठेके” में नहीं, शायद “Air-conditioned Beer Boutique” में बीयर मिले। (बस वहां ATM लाइन जैसी लाइनें ना हो, भगवान से यही दुआ है।)

“Legal बना दो, हम संभाल लेंगे।”

पब्लिक ओपिनियन इस मुद्दे पर लगभग unanimous है:

“भैया, जब वोट डाल सकते हैं, गाड़ी चला सकते हैं, तो बीयर क्यों नहीं पी सकते?”

कुछ युवाओं का ये भी कहना है कि “हम कॉलेज में 21 के थे, लाइफ ने तब भी धोखा दिया था… अब कम से कम बीयर तो बिना डर के मिल जाए!”

उम्र घटाओ, Peg बढ़ाओ?

दिल्ली सरकार के इस फैसले से बहुत कुछ बदल सकता है — टैक्स कलेक्शन से लेकर टैकी वेंडर्स तक।
पर असली सवाल यही है कि क्या अब 21 साल की उम्र में दिल्ली वाले “Responsible Drinking” सीख पाएंगे, या फिर पुरानी Delhi वाले स्टाइल में ही “हफ्ते की थकान उतारो” चलता रहेगा?

आखिर में सवाल ये नहीं कि बीयर की उम्र घटेगी या नहीं…

सवाल ये है कि जाम लगाने से पहले जाम घटेगा या नहीं!

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