“CWG 2030: इंडिया जीता… और स्पॉट फिर से अहमदाबाद का!”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

भारत के लिए आज बड़ी खुशखबरी आई—Commonwealth Games 2030 की मेजबानी ऑफिशियल तौर पर भारत के नाम हो गई है। और इस बार कमान संभालेगा अहमदाबाद
भारत लंबे समय से इस रेस में लीड कर रहा था और अब इस पर मुहर भी लग चुकी है।

यह भारत की दूसरी मेजबानी होगी— पहली बार 2010 दिल्ली CWG, जहां भारतीय एथलीटों ने मेडल टेबल में धमाका किया था।

लेकिन… सोशल मीडिया का सवाल: हर बार अहमदाबाद ही क्यों?

जैसे ही घोषणा हुई, तुरंत ट्विटर/X पर बहस शुरू—

  • दिल्ली क्यों नहीं?
  • मुंबई? कोलकाता? लखनऊ कब आएंगे लाइन में?
  • क्या बड़े आयोजन सिर्फ एक ही शहर के लिए रिज़र्व हैं?

कुछ ने इसे “political favoritism” भी बताया—क्योंकि यह पीएम मोदी का गृह राज्य है। कुछ ने विकास का मुद्दा उठाया—“इतना बड़ा देश, और स्पॉट हमेशा एक ही शहर को?”

अहमदाबाद क्यों चुना गया—ये हैं ऑफिशियल कारण

1. वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर

नरेंद्र मोदी स्टेडियम, शानदार सड़कों का नेटवर्क, एयरपोर्ट, होटल, सुरक्षा— मेगा इवेंट की हर जरूरत परफेक्ट मैच करती है।

2. राजनीतिक स्थिरता + प्रशासनिक स्पीड

गुजरात में स्थिर सरकार, तेज़ प्रशासनिक फैसले और इवेंट मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड मजबूत माना जाता है।

3. पीएम का गृह राज्य

मानें या न मानें—यह फैक्टर बहस का मुख्य कारण है। आलोचक कहते हैं- “दिल्ली ने CWG 2010 किया, अब मौका देश के दूसरे हिस्सों को भी मिलना चाहिए।”

राष्ट्रीय एकता और बराबर अवसर की बहस फिर गर्म

बहुत से खेल प्रेमियों का तर्क है कि भारत जैसे विशाल देश में बड़े इवेंट रोटेशन सिस्टम से होने चाहिए— कभी मुंबई, कभी पुणे, कभी भुवनेश्वर, कभी हैदराबाद।

इससे—समान अवसर खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार और राष्ट्रीय एकता—तीनों मजबूत होंगे।

लेकिन फिलहाल तो CWG 2030 पूरी तरह से अहमदाबाद मोड में लॉक हो चुका है।

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