
शनिवार की सुबह जब बाकी लोग हफ्ते भर की थकान उतारने की सोच रहे थे, तभी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी की गलियों में जनता से मिलने निकल पड़े। काशी की मिट्टी में पहली बार ‘जनता दर्शन’ का आयोजन हुआ और वहां पहुंचे फरियादी ऐसे चमक उठे जैसे बिजली मुफ्त में मिल गई हो।
102 फरियादी, एक CM, और Zero Excuses
जनता दर्शन के दौरान CM योगी ने 102 फरियादियों से मुलाकात की। किसी की ज़मीन का झगड़ा था, तो कोई सरकारी दफ्तर की ‘फाइल यात्रा’ से परेशान। CM ने सबकी सुनी और अफसरों को फुल स्टॉप में बोला — “लापरवाही नहीं चलेगी, हर फरियादी को मिलेगा न्याय!”
कमिश्नर और DM की आंखों में डर और कंधों में फाइलों का वजन साफ दिख रहा था।
बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात: संवेदनशील CM या सुपरहीरो?
वाराणसी के राहत शिविर में जब CM योगी पहुंचे, तो वहां रह रहे बाढ़ पीड़ितों की उम्मीदें अचानक हाई टाइड में चली गईं। CM ने खुद राहत शिविर का दौरा किया, व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की, और कहा — “एक भी पीड़ित तकलीफ में मिला तो जिम्मेदार की खैर नहीं!”
बच्चों को मिला चॉकलेट और CM का दुलार
शिविर में बच्चों से मिलकर CM योगी ने गोद में उठाया, दुलार किया और चॉकलेट दी। एक बच्चे ने कहा, “Uncle nice, chocolate twice!“
मीडिया वाले मुस्कुराए, और अधिकारियों ने राहत की सांस ली — “कम से कम बच्चों को तो approval मिल गया!”
प्रशासन को मिले आदेश: Timebound Action या Transfer Ready!
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए:
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हर शिकायत का समयबद्ध समाधान
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राहत शिविरों में स्वास्थ्य सेवाएं, साफ-सफाई और सुरक्षा
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लापरवाही दिखी तो समझो ट्रांसफर की टिकट कटी!
सख्ती + संवेदनशीलता = योगी स्टाइल
CM योगी का यह दौरा केवल दिखावा नहीं था। यह एक मैसेज था — कि जनता की पीड़ा पर सरकार आंख मूंद कर नहीं बैठेगी। और अगर कोई अफसर अब भी कुंभकर्ण मोड में है, तो उसे योगीजी के Wake-Up Call का इंतजार नहीं करना चाहिए।
सीएम के नीचे दो-दो लेकिन पीएम अकेले? चार डिप्टी पीएम बनाओ मोदी जी!