
बिहार विधानसभा चुनाव में NDA ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और जीत का जश्न अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ था कि BJP ने बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के अंदर बैठे विरोधियों पर एक्शन ले लिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री R.K. Singh सहित 3 बड़े नेताओं को 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया।
यह संदेश साफ है—“विजय के बाद अनुशासन सबसे पहले।”
क्यों हुई यह कार्रवाई? BJP का आधिकारिक कारण
BJP ने साफ बताया कि इन नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों (anti-party activities) में शामिल होने के चलते सस्पेंड किया गया है। यह कदम न सिर्फ पार्टी को अंदरूनी कलह से बचाने के लिए, बल्कि चुनाव के बाद मजबूत मैसेज देने के लिए उठाया गया।
R.K. Singh कौन हैं और क्यों आए थे विवादों में?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व नौकरशाह आर.के. सिंह हाल के दिनों में लगातार सुर्खियों में थे। उनके कई बयान पार्टी और गठबंधन दोनों के लिए परेशानी बन रहे थे।
R.K. Singh के विवादित बयान:
नीतीश सरकार पर 62,000 करोड़ के घोटाले का आरोप। बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी को ‘हत्यारा’ तक कह दिया। जेडीयू और BJP दोनों की छवि को नुकसान।
2013 में BJP जॉइन करने वाले R.K. Singh अपने बयानों के कारण पार्टी के लिए “loose cannon” बनते दिख रहे थे।

जेडीयू–BJP गठबंधन पर क्या असर?
NDA की जबरदस्त जीत के बावजूद पार्टी किसी भी इंटरनल डैमेज को स्पेस नहीं देना चाहती। BJP का यह कदम दिखाता है कि— “Alliance strong रखना है तो internal discipline पहले.”
नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी दोनों पर आए बयानों ने गठबंधन को गलत संदेश दिए थे, जिसे चुनाव बाद तुरंत क्लीन-अप की तरह ठीक किया गया।
Bihar Politics में BJP का मैसेज साफ
Victory के बाद भी zero tolerance for indiscipline Leaders चाहे कितने बड़े हों, घरेलू विवाद या image damage = तुरंत एक्शन अगले 5 साल के लिए NDA सरकार का फोकस होगा stable, controversy-free governance
BJP ने दिखा दिया कि बिहार की जीत बड़ी है, लेकिन पार्टी अनुशासन उससे भी बड़ा। R.K. Singh सहित तीन नेताओं को suspension इस बात का संकेत है कि “नई टर्म में BJP किसी तरह की अंदरूनी turbulence नहीं चाहेगी।”
