
बिहार के मिट्टी कबो कर्पूरी ठाकुर के समाजवाद से महकता रहल, त कबो लालू यादव के चालबाजी पर गुनगुनाता रहल। बाकिर आज के बिहार में राजनीति के ताप अलग बा, जहाँ हर पार्टी अपना तरीका से खेलत बाड़ी स। 2025 के विधानसभा चुनाव करीब बा, अउर सभे पार्टी जोर लगावत बा। एही बीच कांग्रेस के हालत बड़ पेचिदा बा।
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कांग्रेस के बिहार में दुविधा — असली कप्तान के?
कांग्रेस जवन कबो बिहार से दिल्ली के दरबार तक राज कइले रहे, आज हाशिए पर बा। राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठत बा कि ऊ बिहार के जातीय समीकरण और जमीन से जुड़ल राजनीति के समझ पावत बाड़े कि ना। बहुत लोग कहत बा कि बिहार खातिर स्थानीय नेता जरूरी बा, जे कांग्रेस के सही मायने में संभाले।
अंदर चल रहल बगावत के आग
कांग्रेस के भीतर बगावत के आग सुलगत बा। कुछ नेता राहुल के सोशल मीडिया इमेज के समर्थन करत बाड़न, त कुछ पुरान नेता और क्षेत्रीय दिग्गज असंतुष्ट। पार्टी के सीट बांटवारा अउर गठबंधन में सम्मान के कमी से भी असंतोष बढ़ल बा।
राहुल गांधी बनाम स्थानीय नेता के टकराव
कुछ युवा राहुल के दिल्ली से चल रहल ‘रीमोट कंट्रोल’ नेतृत्व के समर्थन करेलन, बाकिर कई पुरान नेता स्थानीय चेहरा चाहत बाड़न। कहीं के नेता चाहत बाड़न कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़े, तो कहीं गठबंधन में बने रहे।
प्रियंका गांधी के संभावित भूमिका
बिहार में राहुल के जगह प्रियंका गांधी के सक्रिय करे के सुझाव भी उठल बा। उनका के जमीनी राजनीति में अधिक कारगर मानल जात बा, खासकर महिला मतदाता आ मुस्लिम समाज में। लेकिन पार्टी के भीतर एह पर भी मतभेद मौजूद बा।
सोशल मीडिया से जमीन तक के फासला
राहुल के सोशल मीडिया इमेज भले मजबूत होखे, बाकिर बिहार के राजनीति अबहियों पंचायत, जाति आ जमीन पर टिकल बा। चुनावी मुद्दा सोशल मीडिया से ज्यादा जमीनी जरूरत पर केंद्रित बा।
गठबंधन या अलग राह?
राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन में बा, लेकिन सीट वितरण अउर सम्मान के सवाल पर विवाद चलत बा। पार्टी के एक बड़ा हिस्सा चाहता बा कि कांग्रेस स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ो, बाकिर संसाधन के कमी चिंता के विषय बा।
आखिर बिहार में कांग्रेस के ‘असली नेता’ के?
सबसे बड़ा सवाल बा कि बिहार कांग्रेस के कप्तान के होई? राहुल गांधी के रील कैप्टन से ग्राउंड कैप्टन बने के जरूरत बा, नाहिं त पार्टी के हालत और खराब हो सकेला। 2025 के चुनाव सिर्फ जीत के लड़ाई ना, पार्टी के अस्तित्व के लड़ाई भी बा।
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