“दो-दो PAN, अब दो-दो सज़ा! आज़म खान-पुत्र की नई मुसीबतें शुरू”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

कई महीनों बाद जेल से बाहर आए सपा नेता आजम खान की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। MP-MLA कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को PAN कार्ड केस में दोषी मानते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई। राजनीतिक गलियारों में इसे “आजम खान की वापसी से पहले फिर एक बड़ा झटका” माना जा रहा है।

मामला क्या है?—दो PAN कार्ड, दो जन्मतिथि और अब दो सजा!

बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी कि अब्दुल्ला आजम ने दो अलग-अलग जन्मतिथियों का इस्तेमाल करके दो PAN कार्ड बनवाए।

  1. एक PAN में DOB: 1 जनवरी 1993
  2. दूसरे PAN में DOB: 30 सितंबर 1990

अब भला—“एक इंसान की दो जिंदगी कैसे हो सकती है?” यही सवाल कोर्ट ने भी पूछा… और जवाब में सीधे 7 साल की सजा सुना दी।

कोर्ट में बहस पूरी—फैसला सीधा और कड़ा

सोमवार की सुनवाई में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई।
फिर MP-MLA कोर्ट ने आज़म खान – दोषी, अब्दुल्ला आज़म – दोषी, सजा – 7-7 साल।

एक लाइन में कहें तो–“कानून ने कह दिया, एक आदमी = एक जन्मतिथि = एक PAN.”

राजनीतिक साइड इफेक्ट – आज़म खान की राह और कठिन

यह फैसला आजम खान की राजनीति के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एक तरफ वह पुराने मामलों में राहत पा रहे थे, जैसे 6 साल पुराने मानहानि केस में हाल ही में कोर्ट ने उन्हें बरी किया था। लेकिन PAN कार्ड वाला यह मामला उनके कैरियर और रणनीति दोनों को झटका दे सकता है। सपा के भीतर भी इसे बड़े नुकसान की तरह देखा जा रहा है।

बीजेपी की सक्रिय मौजूदगी – शिकायतकर्ता भी पहुंचे कोर्ट

शिकायतकर्ता बीजेपी नेता आकाश सक्सेना भी सुनवाई वाले दिन कोर्ट में मौजूद रहे— यानी पॉलिटिकल मैसेज एकदम क्लियर- “मामला सिर्फ कानूनी नहीं… राजनीतिक भी है।”

अब आगे क्या?

सजा के बाद आजम खान और अब्दुल्ला को ऊपरी अदालत में अपील का रास्ता खुला है। लेकिन फिलहाल उनकी राजनीतिक यात्रा में काँटे ही काँटे दिखाई दे रहे हैं।

“कमीज़ के दो पॉकेट चल सकते हैं, लेकिन दो PAN कार्ड नहीं!”

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