
दिल्ली में आज हुई सर्वदलीय बैठक ने साफ कर दिया कि जब बात राष्ट्र की सुरक्षा की हो, तो भारत की राजनीति एक सुर में बोलती है। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में सभी प्रमुख दलों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
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सर्वदलीय बैठक में पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए रखा गया दो मिनट का मौन
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण देखने को मिला। सभी दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी कुर्सियों से खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा — उन निर्दोष नागरिकों की स्मृति में, जिन्होंने इस आतंकी बर्बरता में अपने प्राण गंवाए।
कौन-कौन रहा मौजूद?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की।
गृह मंत्री अमित शाह ने सभी दलों को सुरक्षा स्थिति और सरकार की कार्रवाई से अवगत कराया।
कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी शामिल रहे।
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क्या रहा फोकस?
सरकार ने साझा की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट
Alpine Quest ऐप के उपयोग से आतंकियों की लोकेशन तक पहुंच की जानकारी साझा की गई
राजनीतिक दलों से सुझाव लिए गए कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या कदम उठाने चाहिए
“सामूहिक राजनीतिक बयान” पर भी चर्चा हुई — जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की एकजुटता स्पष्ट हो
विपक्ष ने क्या कहा?
“आतंकवाद पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। सरकार के हर सख्त कदम का समर्थन करेंगे।” – मल्लिकार्जुन खरगे
“ये समय नफरत से ऊपर उठकर एकजुट रहने का है।” – राहुल गांधी
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ओवैसी की अपील: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में जुम्मा पर बांहों पर काली पट्टी बांधें
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश के मुसलमानों से एक सुलझी, संवेदनशील और राष्ट्रीय एकता को बल देने वाली अपील की है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा:
“कल जब आप नमाज़-ए-जुम्मा पढ़ने जायेंगे, तो अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर जाएँ। इससे हम यह पैग़ाम देंगे कि हम भारतीय विदेशी ताक़तों को भारत के अमन और इत्तेहाद को कमजोर करने नहीं देंगे।”
आतंकियों के खिलाफ एकजुट देश: गुलाम नबी आज़ाद का बड़ा बयान
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद का बयान सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की मिसाल बनता दिख रहा है।
“पूरा देश और जम्मू-कश्मीर के लोग उन परिवारों के साथ खड़े हैं, जिन्होंने इस हमले में अपनों को खोया। जम्मू-कश्मीर के हिंदू और मुसलमान, दोनों समुदाय **आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट हैं।” — गुलाम नबी आज़ाद
पहलगाम हमला भारत की आत्मा पर हमला: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक भावुक लेकिन दृढ़ बयान दिया। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को भारत की सांस्कृतिक आत्मा — कश्मीरियत और भारतीय विचारधारा — पर सीधा हमला करार दिया।
“यह हमला निर्दोष, शांतिप्रिय नागरिकों के खिलाफ किया गया कायरतापूर्ण, अमानवीय और जघन्य कृत्य है। इसका कोई मजहब, कोई इंसानियत नहीं। यह हमला उस विचार पर है जिसने सदियों से कश्मीर को संवेदनशीलता, सौहार्द और विविधता का प्रतीक बनाया है।” — उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने अन्य राज्यों की सरकारों से कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
“जो कश्मीरी छात्र अपने घरों से दूर हैं, इस संकट की घड़ी में उन्हें सहारे की ज़रूरत है, संदेह की नहीं। भारत की विविधता में एकता की पहचान यही वक्त और मजबूत करती है।”
पहलगाम हमला न केवल भारत की सुरक्षा पर हमला था, बल्कि उसकी सांझी संवेदना पर भी। लेकिन दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक ने यह साफ कर दिया कि आतंक चाहे गोलियों में हो या ऐप्स में, भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति उसके आगे झुकने वाली नहीं है।