
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट ने 1 जुलाई को हुए एयर इंडिया विमान हादसे की प्रमुख वजह को लेकर नया खुलासा किया है। टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान के दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच कट-ऑफ़ पोजिशन में चले गए थे, जिससे दोनों इंजन एक-एक करके बंद हो गए।
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कॉकपिट में घबराहट: “कट-ऑफ़ क्यों किया?” — “मैंने नहीं किया!”
रिपोर्ट में दर्ज कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में दो पायलटों की बातचीत सामने आई है। एक पायलट हैरान होकर पूछता है:
“कट-ऑफ़ क्यों किया?”
जवाब आता है:
“मैंने नहीं किया!”
यह सवाल अब जांच की दिशा तय कर सकता है: क्या यह मानवीय भूल थी, तकनीकी गड़बड़ी, या फिर सॉफ्टवेयर फेलियर?
टेकऑफ से चंद सेकंड बाद गड़बड़ी, 260 लोगों की गई जान
दोपहर 1:38:42 पर विमान ने अधिकतम 180 नॉट्स की स्पीड हासिल की और उसी वक्त दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘कट ऑफ़’ हो गए। इसके 23 सेकंड बाद पायलट ने “मे डे मे डे” का संदेश भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विमान अहमदाबाद के मेडिकल हॉस्टल पर गिर गया।
इंजन फेल, RAT एक्टिव, फिर भी बच नहीं पाई फ्लाइट
इंजन बंद होते ही इमरजेंसी हाइड्रॉलिक पावर के लिए रैम एयर टर्बाइन (RAT) एक्टिव हो गई। लेकिन रनवे की बाउंड्री पार करते ही विमान ने ऊंचाई खोनी शुरू कर दी। हादसे में 260 लोगों की मौत हुई, जबकि सिर्फ एक यात्री — ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश — बच पाए।
पायलट-क्रू ‘फ़िट’ थे, फ्यूल ‘संतोषजनक’, फिर भी क्रैश क्यों?
रिपोर्ट बताती है कि पायलट और क्रू को पर्याप्त आराम मिला था और ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट भी पास किया गया था। विमान में भरे गए ईंधन के सैंपल भी संतोषजनक पाए गए। फिर भी इंजन कैसे फेल हुए? क्या कट-ऑफ़ पोजिशन में शिफ्ट होना स्वचालित था या गलती से किया गया?
अब तक बोइंग या GE इंजन पर कोई एडवाइज़री नहीं
बोइंग ड्रीमलाइनर 787 और GE GEnx-1B इंजन को लेकर अभी तक कोई तकनीकी चेतावनी या एडवाइज़री जारी नहीं की गई है। AAIB अभी भी तकनीकी और सॉफ्टवेयर संभावनाओं की जांच कर रही है।
एयर इंडिया ने कहा – “पूरी जांच में सहयोग देंगे”
एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा:
“हम AAIB की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं और जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।”
अब भी अनसुलझे सवाल:
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क्या यह मानवीय त्रुटि थी या सिस्टम फेलियर?
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कट-ऑफ़ स्विच कैसे खुद-ब-खुद एक्टिव हो गए?
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क्या बोइंग 787 या GE इंजन में कोई सॉफ्टवेयर लूपहोल है?
एक शुरुआती रिपोर्ट, कई गहरी परतें
एएआईबी की यह रिपोर्ट सिर्फ शुरुआत है। टेक्निकल टेस्टिंग, वॉयस डेटा विश्लेषण और फ्यूल लाइन की गहराई से जांच के बाद ही सही वजह सामने आ सकेगी। लेकिन एक बात तय है: इस हादसे ने एविएशन सुरक्षा की बुनियाद को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
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