बिहार चुनाव 2025: किशनगंज में 2 लाख ‘निवास’ आवेदनों का बवाल

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम जोरों पर है, लेकिन सीमांचल क्षेत्र से आए चौंकाने वाले आंकड़ों ने सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा दिया है। सिर्फ किशनगंज जिले में जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में 2 लाख से अधिक लोगों ने स्थाई प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। मुजफ्फरपुर में भी करीब 1 लाख आवेदनों की बाढ़ आई है। यह आंकड़ा न केवल प्रशासन के लिए सिरदर्द है, बल्कि सियासी महौल भी गरमा गया है।

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उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान: “घुसपैठ रोकने की सख्त नीति”

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “सीमांचल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ कोई नई बात नहीं है। ये लोग जाली दस्तावेजों से स्थाई प्रमाण पत्र हासिल कर मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की सतर्कता की तारीफ की और स्पष्ट किया कि ऐसे आवेदनों की गहन जांच हो रही है। “हम किसी भी घुसपैठिए को बिहार की नागरिकता नहीं लेने देंगे,” उन्होंने जोर देकर कहा।

किशनगंज और मुजफ्फरपुर में संदिग्ध आवेदनों की बढ़ोतरी

मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत बिहार में 7.90 करोड़ मतदाताओं के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) काम कर रहे हैं। लेकिन किशनगंज में 2 लाख और मुजफ्फरपुर में 1 लाख से अधिक स्थाई प्रमाण पत्र के आवेदन ने सवाल खड़े कर दिए हैं। सीमांचल के जिलों, जो नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से लगे हैं, में घुसपैठ का पुराना मुद्दा चर्चा में आया है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार कई आवेदनों में दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो सकी, जिससे संदिग्धता बढ़ गई है।

सीमांचल और नेपाल बॉर्डर पर घुसपैठ का पुराना मामला

सीमांचल क्षेत्र में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ का मुद्दा दशकों पुराना है। 2019 में गृह मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि बिहार में करीब 10 लाख अवैध प्रवासी हो सकते हैं, जिनमें अधिकांश सीमांचल में बसे हैं। हाल ही में रक्सौल बॉर्डर पर एक बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी ने इस समस्या को फिर उजागर किया है। खुफिया एजेंसियां बताती हैं कि नेपाल के रास्ते बांग्लादेशी और रोहिंग्या लोग बिहार में प्रवेश कर जाली आधार कार्ड और स्थाई प्रमाण पत्र बनाकर मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं।

जांच तेज, सियासी मायने और भविष्य की चुनौतियां

प्रशासन ने किशनगंज और मुजफ्फरपुर में आवेदनों की जांच तेज कर दी है। सभी दस्तावेजों की स्क्रूटनी के साथ आधार और अन्य पहचान पत्रों की वैधता भी जांची जा रही है। सियासी तौर पर यह मामला NDA के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि BJP और JDU इसे घुसपैठ के खिलाफ अपनी कड़ी नीति के रूप में पेश कर रहे हैं। वहीं, RJD और महागठबंधन इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाते हुए अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं।

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