
बठिंडा के आदेश अस्पताल की पार्किंग में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वहां खड़ी एक कार से तेज दुर्गंध आने की सूचना पुलिस को मिली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार की तलाशी ली गई। कार के भीतर का दृश्य देखकर पुलिस और स्थानीय लोग स्तब्ध रह गए—कार में लगभग 30-35 वर्षीय महिला की सड़ी-गली लाश मिली।
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शव की पहचान हुई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर के रूप में
पुलिस जांच में मृतका की पहचान मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कमल कौर उर्फ कंचन के रूप में हुई है, जो लुधियाना के लक्ष्मण नगर की रहने वाली थीं। कमल सोशल मीडिया पर अपनी वीडियो और विचारों के लिए चर्चित थीं। उनकी इस तरह संदिग्ध हालत में मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका, कार में शव छिपाया गया
पुलिस अधीक्षक (शहर) नरेंद्र सिंह के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि महिला की हत्या करके शव को कार में छिपा दिया गया। यह भी सामने आया है कि कार पर लुधियाना नंबर प्लेट लगी थी, लेकिन आशंका है कि वह नकली नंबर प्लेट हो सकती है, जिससे जांच भटकाई जा सके।
लुधियाना से कनेक्शन, CCTV फुटेज की तलाश
पुलिस की एक टीम लुधियाना रवाना की गई है ताकि कार और महिला के रिश्ते की कड़ियाँ जोड़ी जा सकें। साथ ही इलाके के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि कार को पार्किंग तक लाने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों की पहचान हो सके।
सात महीने पहले मिली थी जान से मारने की धमकी
इस मामले को और गंभीर बनाता है वह धमकी, जो कमल कौर को लगभग 7 महीने पहले आतंकी अर्श डल्ला द्वारा दी गई थी। एक ऑडियो क्लिप में अर्श ने कहा था कि –
“ये लड़की सोशल मीडिया पर गंद फैलाती है। अगर इसका कोई मारा गया तो कोई तूफान नहीं आएगा।”
अब पुलिस इस धमकी और कमल की मौत के बीच संबंध की गहराई से जांच कर रही है। आखिर एक चर्चित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित की गई? धमकी के बावजूद कोई पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? क्या सोशल मीडिया की प्रसिद्धि अब खतरे में बदल रही है?
कमल कौर की मौत केवल एक महिला की मौत नहीं, बल्कि एक सिस्टम की असफलता भी प्रतीत होती है। जब एक महिला को पहले से धमकी मिल चुकी हो, तो उसे नज़रअंदाज कर देना गंभीर लापरवाही है। पुलिस जांच के नतीजे चाहे जो भी हों, लेकिन यह घटना साफ बताती है कि इंटरनेट की दुनिया में पहचान बनाना आज भी जोखिम से भरा है — और शायद, मौत का कारण भी।