सूटकेस में मौत! गाजियाबाद में मिली महिला की लाश, गले पर निशान

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बेहटा नहर के पास एक संदिग्ध हरे रंग के सूटकेस की सूचना पुलिस को दी गई। राहगीरों को शक हुआ और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सूटकेस खोलते ही करीब 25 वर्षीय महिला की लाश देखकर दंग रह गई।

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मांग में सिंदूर, पैरों में बिछिया, फिर भी अज्ञात!

महिला के शरीर पर सूट, मांग में सिंदूर, और पैरों में बिछिया देख पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वह शादीशुदा थी
लेकिन अब तक पहचान नहीं हो पाई है, जिससे मामला और उलझता जा रहा है।

गला दबाया गया? खून और निशानों से हैरान पुलिस

पुलिस के मुताबिक:

  • महिला के मुंह और नाक से खून निकल रहा था

  • गले पर दबाव और खरोंच के निशान साफ़ थे

  • शव को हाथ-पैर मोड़कर सूटकेस में ठूंसा गया था

यह इशारा करता है कि हत्या कहीं और की गई और शव को यहां ठिकाने लगाने की कोशिश की गई।

CCTV फुटेज से हल होगी गुत्थी?

एसीपी अंकुर विहार अजय कुमार ने बताया कि:

“इलाके में लगे सभी CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। आसपास के कॉलोनियों से महिला की पहचान की कोशिश भी जारी है।”

जनता में डर और सवाल – क्या महिलाएं अब सूटकेस तक सिमट गई हैं?

स्थानीय लोगों में ग़ुस्सा और खौफ दोनों है। एक महिला ने बताया:

“कल तक तो अपार्टमेंट्स की दीवारें सुरक्षित लगती थीं, अब हर सूटकेस डराता है।”

सवाल सिस्टम से – क्या महिला की जान इतनी सस्ती है?

  1. कहाँ है महिला सुरक्षा का दावा?
    महिला शादीशुदा थी, गाजियाबाद जैसे शहरी इलाके में रहती थी – फिर भी कैसे बेआवाज़ क़त्ल हो गया?

  2. गश्त पर क्या सिर्फ लाइटें चमकती हैं?
    नहर रोड जैसे सुनसान रास्तों पर पुलिस गश्त नाममात्र क्यों है?

  3. क्या महिला का परिवार तलाश में है या सिस्टम फिर देर कर देगा?

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज

फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी। लेकिन तब तक सवाल यही है – क्यों कोई महिला लावारिस होकर सूटकेस में बंद हुई?

“सूटकेस से महिला की लाश मिलना कोई साधारण अपराध नहीं। यह सिस्टम पर करारा तमाचा है – ना CCTV से बचाव, ना समय पर पहरा, ना महिला सुरक्षा। सवाल ये नहीं कि कौन मरा, सवाल ये है – कितनी और मारी जाएंगी, तब जाकर व्यवस्था जागेगी?

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