
राकेश शर्मा के 1984 के ऐतिहासिक मिशन के बाद, अब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून को भारत का नाम फिर अंतरिक्ष में रोशन करने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले इस जांबाज़ पायलट को इसरो और नासा के संयुक्त AX-4 मिशन के लिए चुना गया है।
पर सवाल ये उठता है…
8 जून से 10 जून क्यों?
कौन है जिसने देश के गौरव की उड़ान को दो दिन रोक दिया?
ट्रैफिक जाम सिर्फ दिल्ली में नहीं होता, लो अर्बिट में भी लग सकता है!
कहीं स्पेस में चल रहा सेटेलाइट ट्रैफिक जाम इस देरी की वजह हो सकता है। अब भैया जब एलन मस्क के स्टारलिंक सेटेलाइट्स पूरी ‘गलत साइड’ पर खड़े हों तो शुभांशु भैया को रेड लाइट पर रुकना ही पड़ा।
“स्पेस कंट्रोल से जवाब आया –
‘Sir, अभी ISS के पास पार्किंग फुल है, दो दिन बाद आइए। मस्क जी के सेटेलाइट वीकेंड स्पेशल लेकर घूम रहे हैं।’”
शुभांशु शुक्ला – वो पायलट जो उड़ान से पहले ही उड़ चुका है हर दिल में
2006 में वायुसेना में शामिल हुए कैप्टन शुक्ला के पास 2000+ घंटों की उड़ान का अनुभव है।
उन्होंने सुखोई, मिग, जगुआर जैसे लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। अब बारी है स्पेसक्राफ्ट को टच कराने की – वो भी जीरो ग्रेविटी में!
लखनऊ वालों के लिए वो सिर्फ लड़ाकू पायलट नहीं, “आसमां को छूने वाला अपना छोरा” है।
2 हफ्तों का स्पेस रोमांच
इस मिशन में कैप्टन शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 2 हफ्ते बिताएंगे। जहाँ ज़मीन पर लोग नींद से लड़ते हैं, वहीं ये लोग जीरो ग्रेविटी से लड़ेंगे – और वो भी रिसर्च और विज्ञान के नाम पर।
भारत का गर्व, लखनऊ का बेटा, और स्पेस में हो रहा देश का डंका
भारत को 40 साल बाद मिला है स्पेस हीरो। और इस बार कहानी सिर्फ उड़ान की नहीं, ट्रैफिक से टाइम मैनेजमेंट की भी है!
“जब तक धरती की जमीं पर ट्रैफिक था, सब ठीक था। अब तो अंतरिक्ष में भी ‘जाम’ लगने लगा है।”
शुभांशु शुक्ला के लिए पूरा देश बोले – ‘चांद से आगे जहां और भी हैं’
देरी भले हुई हो, पर गर्व में कोई कमी नहीं।
शुभांशु शुक्ला वो नाम है जो हर भारतीय को यह याद दिला रहा है –
हमारे लखनऊ की गलियों से भी निकल सकते हैं वो सितारे, जो असली सितारों के बीच जाकर चमकते हैं!
नोट- एलन मस्क और स्टारलिंक का इस देरी से कोई लेनादेना नहीं है। देरी की वजह सामने नहीं आई है।