
शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक धरती हिल चुकी है। बीएनपी-जमात गठबंधन के उभार ने कट्टरपंथी संगठनों को खुला मैदान दे दिया है – नतीजा? भारत के लिए रणनीतिक सिरदर्द!
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कट्टरपंथ की रैली और महिला अधिकारों पर हमला
3 मई 2025 को ढाका में हिफाजत-ए-इस्लाम, जमात और बीएनपी समर्थकों की रैली ने सब कुछ साफ कर दिया – ये गठबंधन सुधार नहीं, “शरिया आधारित राष्ट्र” की ओर झुकाव रखता है। महिला अधिकारों के विरोध में झंडे और नारे दिखा रहे हैं कि ये 21वीं सदी में 7वीं सदी की वापसी चाहते हैं।
Keyboard Jihad?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जमात और बीएनपी समर्थक भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्ज़े की धमकी दे रहे हैं। टॉप ट्रेंड्स में “भारत-पाक युद्ध में बांग्लादेश की भूमिका” जैसी बातें हो रही हैं — और ये सिर्फ मज़ाक नहीं, हाइब्रिड वॉरफेयर की शुरुआत लगती है।
कोर्ट से कट्टरपंथ को क्लीन चिट?
1 जून 2025 को बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमात को वैध पार्टी मानना और 27 मई को युद्ध अपराधी ए.टी.एम. अज़हरुल इस्लाम की रिहाई, एक संकेत है कि धर्मनिरपेक्षता अब बांग्लादेश में एक्सपायर्ड आइडिया बन चुका है।
छिद्रपूर्ण सीमा = खुला खतरा
4,096 किमी लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा आतंकियों और घुसपैठियों के लिए खुला न्योता बन सकती है।
कट्टरपंथी ताकतों की वापसी
अंसरुल्ला बांग्ला टीम और हिज्ब उत-तहरीर जैसे संगठन जमात की वापसी से प्रेरित होकर हथियार, पैसे और लोगों की तस्करी को बढ़ावा दे सकते हैं।
पूर्वोत्तर भारत में अशांति
जातीय उग्रवाद पहले से ही संवेदनशील है, अब इस्लामी नेटवर्क का जुड़ना भारत को दोहरी चुनौती में डाल सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद साइबर जिहाद!
भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के जवाब में बांग्लादेशी साइबर गिरोहों जैसे सिलहट गैंग-एसजी ने भारतीय वेबसाइट्स हैक करने का दावा किया। हालाँकि तकनीकी असर सीमित था, लेकिन यह दिखाता है कि अब युद्ध सिर्फ सीमा पर नहीं, स्क्रीन पर भी लड़ा जाएगा।
चीन-पाकिस्तान फैक्टर और भारत की रणनीतिक उलझन
बीएनपी और जमात की नीतियों में चीन और पाकिस्तान के प्रति झुकाव, और भारत द्वारा अप्रैल में ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापसी, दोनों देशों को रणनीतिक टकराव की दिशा में ले जा रहे हैं।
हिंदुओं पर हमला, चुप्पी में साज़िश
2025 में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि हुई है – मंदिर तोड़े गए, महिलाओं को अपमानित किया गया। लेकिन बीएनपी की चुप्पी बताती है कि सत्ता की भूख के लिए वो इंसानियत की कब्र खोदने को भी तैयार है।
पूर्व में नया पाकिस्तान?
जमात का पुनरुत्थान, बीएनपी का समर्थन, और कट्टरपंथी लहर – मिलकर बांग्लादेश को “पूर्वी पाकिस्तान 2.0” बना सकते हैं।
और भारत?
एक साथ दो मोर्चे: पश्चिम में पाकिस्तान, पूर्व में इस्लामी बांग्लादेश!
संभावित खतरे – एक नज़र में:
खतरा | विवरण |
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अवैध घुसपैठ | पूर्वोत्तर राज्यों में अस्थिरता |
आतंकियों की सुरक्षित पनाह | सीमा पार लॉन्चपैड बन सकता है |
कट्टरपंथी वैचारिक हमले | सोशल मीडिया और शिक्षा में |
भारत विरोधी गठबंधन | चीन-पाकिस्तान से सामरिक साझेदारी |
धार्मिक आधार पर हिंसा | हिंदुओं के पलायन की आशंका |
चुनावी अस्थिरता | 2026 में कट्टरपंथ की सत्ता वापसी |
“बॉर्डर पर शांति चाहो, तो अंदर तैयारी रखो!”
बांग्लादेश में हो रहे परिवर्तन सिर्फ पड़ोसी की राजनीति नहीं, भारत की सुरक्षा, समाज और रणनीति से सीधे जुड़े हैं।
अब सिर्फ ‘साउथ ब्लॉक’ को नहीं, बल्कि हर जागरूक भारतीय को सतर्क रहना होगा।
आतंकी बोले – ‘भारत से बदला लिया, बांग्लादेश में हसीना को दिया अलविदा