
महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर चिल्लर भ्रष्टाचार नहीं… सीधे लोकायुक्त लेवल की गर्मी झेलने वाली है। क्योंकि आंदोलन के पर्याय बन चुके अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर बिगुल फूंक दिया है।
30 जनवरी से आमरण अनशन — रालेगणसिद्धी बनेगा हॉटस्पॉट
अन्ना हजारे ने घोषणा की है कि वे 30 जनवरी से रालेगणसिद्धी में आमरण अनशन करेंगे। कारण?
महाराष्ट्र में अभी तक लोकायुक्त कानून लागू नहीं हुआ!
2022 में सरकार ने उनसे वादा किया था— “अन्ना जी, कानून आएगा… बस थोड़ा वेट कर लीजिए।”
लेकिन अन्ना का कहना है — “वेट की जगह सरकार ने मुझे Seen Zone में डाल दिया!”
7 चिट्ठियां, 0 जवाब — WhatsApp भी इतना Ignored नहीं करता!
अन्ना ने बताया कि उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस को 7 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार की तरफ से सन्नाटा ही सन्नाटा। न फोन, न जवाब, न अपडेट… बस “काम जारी है” वाली सरकारी क्लासिक लाइन भी नहीं!
अब अन्ना का कहना है— “सरकार चिट्ठी पढ़े या न पढ़े… आवाज अब अनशन से ही जाएगी!”

2022 का वादा: ड्राफ्ट भी बना था, पर कानून अभी भी गायब
2022 में अन्ना हजारे के पिछले अनशन के बाद:
- एक समिति बनी
- कानून का ड्राफ्ट तैयार हुआ
- वादे हुए
- फोटो-ऑप भी हुए
लेकिन उसके बाद लोकायुक्त कानून का ना ड्राफ्ट दिखा, ना अपडेट— जैसे सरकार ने उसे “Save as Draft” में डालकर भूल गई हो।
महाराष्ट्र सरकार अब दबाव में?
अन्ना का अनशन हमेशा से सरकारों के लिए “Anti-Corruption Earthquake Mode” जैसा साबित हुआ है।
अब देखना होगा— क्या सरकार इस बार भी आखिरी वक्त पर एक्टिव होकर कानून को फास्ट-ट्रैक करेगी या… फिर से अन्ना को EMERGENCY MODE में जाना पड़ेगा?
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