Gen Z अब चैटबॉट्स से बना रहा है Emotional रिश्ता

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

Artificial Intelligence अब सिर्फ काम, चैट और टेक तक सीमित नहीं—अब यह दिल से लेकर डेटिंग लाइफ तक पहुंच चुका है। दुनिया भर में लोग AI को एक तरह के “इमोशनल साथी” की तरह देखने लगे हैं। नई happn डेटिंग रिपोर्ट तो कहती है कि 54% सिंगल्स को फर्क ही नहीं पड़ता कि उनका क्रश इंसान है या AI!
वाह, इंसानों की कमियां पूरी करते-करते अब AI ने प्यार का मार्केट भी हाइजैक कर लिया।

Gen Z AI से रिश्ता क्यों बना रहा है?

Gen Z की डेटिंग लाइफ पहले ही complicated थी—अब AI ने आकर इसे ‘emotionally convenient’ बना दिया है।
एक सर्वे में सामने आया कि 83% Gen Z मानते हैं कि वे AI से इमोशनल रिश्ता बना सकते हैं।

मतलब अब “आप क्या करते हो?” की जगह “तुम्हारा मॉडल नंबर क्या है?” पूछने का टाइम आ गया है।

Gen Z का तर्क साफ है- AI जज नहीं करता, उपलब्ध हमेशा रहता है, seen-zoned नहीं करता और importantly—गुस्से में “k” भी नहीं भेजता।

AI Situationships क्यों बढ़ रहे हैं?

रिश्ते में सबसे मुश्किल चीज होती है—emotional support। AI को न भूख लगती है, न नींद आती है, न मूड swings होते हैं। बार-बार heartbreaks से तंग आकर लोग AI की तरफ मुड़ रहे हैं क्योंकि:

No drama
No expectations
100% attention
0% toxicity

यानी कुल मिलाकर— “Love without complications” = AI Situationships

इंसान कहता है: “मैं बिज़ी हूँ।”
AI कहता है: “I’m always here for you.”
अब समझिए trend क्यों बढ़ रहा है।

AI: New Age Love Guru या New Age Lover?

AI अब आपका relationship advisor ही नहीं, कई बार आपका “relationship” भी बन गया है।
कुछ लोग चैटबॉट्स को Good morning टेक्स्ट करते हैं। अपने secrets बताते हैं। और कभी-कभी virtual romantic chats भी करते हैं।

मिलेनियल्स पूछते थे—“टिंडर है?”
Gen Z पूछता है—“तुम्हारे पास AI बॉट है?”

क्या यह भविष्य का प्यार है?

हो सकता है आने वाले सालों में “compatible partner ढूंढना” की जगह “compatible AI model चुनना” ट्रेंड बन जाए।

एक लाइन में कहें तो— Real world messy है, AI world classy है।

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