
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा के दूसरे दिन आज पूरी तरह एजेंडा-ओवरलोड मोड में हैं।
गुरुवार को पीएम मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था, और अब शुक्रवार का दिन है—
बड़ी डील्स, बड़ा डिप्लोमेसी शो और बहुत सारी फोटो-ऑप्स!
2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इसकी हर फ्रेम पर नज़रें गड़ाए हुए है।
राष्ट्रपति भवन में 21 तोपों की सलामी—डिप्लोमेसी का ग्रैंड ओपनिंग सीन
पुतिन जब शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन पहुंचे, तो प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद उनका स्वागत किया।
इसके बाद—
- भारतीय सेना द्वारा 21 तोपों की सलामी
- औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर
- पुतिन द्वारा परेड का निरीक्षण
पूरा माहौल ऐसा लग रहा था जैसे इंडिया और रूस के रिश्ते अभी भी “Old is Gold” कैटेगरी में मजबूती से टिके हुए हैं। समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित कई बड़े चेहरे मौजूद थे।
शाम 7 बजे पुतिन एक और महत्वपूर्ण बैठक के लिए राष्ट्रपति भवन लौटेंगे— यानी डिप्लोमेसी के आज डबल शो हैं!
भारत-रूस शिखर सम्मेलन: आज ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी पर बड़े फैसले
आज की बैठक में सबसे ज्यादा फोकस तीन क्षेत्रों पर रहेगा—
रक्षा सहयोग (Defence Cooperation)
बाहरी दबावों और भू-राजनीतिक तूफानों के बावजूद रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर ज़ोर।
व्यापार सुरक्षा (Trade Security)
पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच सुरक्षित और स्थिर द्विपक्षीय व्यापार के नए रास्ते तलाशना।

ऊर्जा सहयोग (Energy Deals)
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर और कच्चे तेल पर नई संभावित डील।
भारत रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदता है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा है। रूस ने हाल ही में भारत को अतिरिक्त छूट की पेशकश भी की है। ऐसे में यह डील आज की मीटिंग का संभावित शोस्टॉपर हो सकती है।
शशि थरूर बोले — “India knows how to manage independent relations”
रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, भारत और रूस का रिश्ता ऐतिहासिक रूप से मजबूत है। और भारत की ताकत है— हर देश से स्वतंत्र रिश्ते बनाए रखना।”
उनका कहना था कि यह दौरा भारत की वैश्विक पोज़िशन को और मजबूत करता है और इससे अन्य देशों के साथ संबंध प्रभावित होने का सवाल ही नहीं उठता।
पुतिन इस दौरान यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका की नई रणनीतिक पहलों की जानकारी भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा करेंगे।
भारत की स्थिति वही पुरानी लेकिन स्थिर—“वार्ता और कूटनीति ही समाधान है।”
“फूट नहीं, फ़ुल मज़बूती! झारखंड में इंडिया गठबंधन ने ट्रोल्स को दिया जवाब”
