
जनपद एटा में कोतवाली नगर क्षेत्र के ब्लॉक शीतलपुर की ग्राम पंचायत एक नए विवाद से हिल गई है। संगम सोलंकी नामक ग्रामीण ने आरोप लगाया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की समय सीमा खत्म होने से पहले ही पूरा परिवार मतदाता सूची से गायब कर दिया गया।
मतलब— “कभी वोट थे… और एक दिन अचानक नहीं थे!”
गांव में चर्चा—क्या ये वोट कटना है या वोट-मैजिक?
BLO पर कर्तव्यहीनता, अभद्रता और ‘ऊपर से प्रेशर’ वाला बयान वायरल
संगम सोलंकी के अनुसार जब उन्होंने BLO हरिओम प्रजापति से पूछा कि वोट क्यों काटे गए, तो कथित तौर पर उन्हें जवाब मिला— “ऊपर से प्रेशर है… डीएम का डंडा चल रहा है!”
अब जनता में सवाल—ये चुनावी प्रक्रिया है या व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का एडमिन पैनल?
पीड़ित के मुताबिक BLO न सिर्फ कर्तव्यहीन था बल्कि आचरण भी ‘प्रशासनिक मर्यादा से बाहर’ था।
डीएम को भेजी ई-मेल—वोट कटने से लेकर BLO के व्यवहार तक शिकायतों की लंबी लिस्ट
संगम सोलंकी ने पूरी घटना ई-मेल के जरिए डीएम एटा को भेजी। शिकायत में आरोप— वोट कटने की अनियमित प्रक्रिया। पारदर्शिता पर सवाल। BLO की “दबंगई मोड”, पूरा परिवार एक साथ लिस्ट से बाहर।
गांव में लोग पूछ रहे— “जब पुनरीक्षण प्रक्रिया खत्म ही नहीं हुई थी, तो वोट काटने की इतनी जल्दी किसको थी?”

SDM का बयान—‘गलतफहमी भी एक प्रशासनिक समस्या है’
एसडीएम विपिन कुमार मोरेल ने मामले का संज्ञान लिया।
उनका कहना— शिकायत के बाद संगम सोलंकी के फॉर्म जमा करा दिए गए, वोट बनना अभी बंद नहीं हुआ है, BLO की बात शायद शिकायतकर्ता पूरी तरह समझ नहीं पाए। प्रारंभिक जांच जारी है।
मतलब— सरकार कह रही है “सब ठीक हो जाएगा”,
गांव वाले कह रहे—“पहले ठीक क्यों नहीं था?”
ग्रामीणों में बढ़ी चिंता—‘क्या लोकतंत्र BLO-प्रूफ है?’
घटना के बाद लोग सोच में— “आज हमारा परिवार बाहर, कल किसी और का नंबर?”
गांव में कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या भविष्य में भी इस तरह की मनमानी मतदाता अधिकारों को प्रभावित करेगी?
पीड़ित परिवार ने निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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