
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा सजा-ए-मौत सुनाए जाने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को एक ऑफिशियल लेटर भेजकर उनका प्रत्यर्पण मांगा है।
अब गेंद भारत के कोर्ट और कूटनीति के पाले में है—और दक्षिण एशिया की राजनीति में अचानक गर्मी बढ़ गई है।
क्या लिखा है बांग्लादेश के Official Letter में?
मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने लेटर में लिखा है कि हसीना को ICT Tribunal ने सजा सुनाई है। भारत उन्हें बांग्लादेश सरकार को सौंप दे। यह लेटर अभी सार्वजनिक नहीं किया गया।
लेटर सार्वजनिक क्यों नहीं किया?
डिप्लोमेसी का पुराना रूल: जितना कम बताया जाए, उतनी ज्यादा चर्चा होती है।
Bangladesh की सड़कों पर उबाल — “हसीना को फांसी दो”
17 नवंबर को अदालत के फैसले के बाद पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन शुरू हो गए। ढाका के अलावा कई शहरों में लोग नारे लगा रहे थे “हसीना को फांसी दो” “India से प्रत्यर्पित करो” “Ensure Justice”
प्रदर्शन देखकर साफ है—हसीना का मुद्दा राजनीति का नया इंधन बन चुका है, खासकर तब जब 2026 में चुनाव होना है।
कौन सा केस? क्यों दी गई मौत की सजा?
ICT Tribunal ने हसीना को 2024 के छात्र आंदोलन उसमें हुई कथित हत्याओं और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए दोषी ठहराया।

उनके साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान को भी यही सजा मिली है।
भारत क्या करेगा?
यहीं सस्पेंस है। भारत इस पर चुप है कोई आधिकारिक बयान नहीं कोई “हां/नहीं” इशारा भी नहीं South Block में फाइलें चल रही होंगी… बाहरी दुनिया में सिर्फ अटकलें।
2026 चुनाव से पहले राजनीतिक खेल
Bangladesh के विपक्षी दल इस मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठा रहे हैं क्योंकि जनभावना गर्म है हसीना की पार्टी कमजोर स्थिति में है यूनुस सरकार फरवरी 2026 में चुनाव कराएगी हसीना का प्रत्यर्पण इस पूरे समीकरण में गेम-चेंजर हो सकता है।
“Hasina पर फांसी की सज़ा… Pakistan बोला: ‘Humare बस की बात नहीं!’”
