
देश के 12 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में Special Intensive Revision (SIR 2025) की शुरुआत होते ही, लखनऊ के कई मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में एक नई “ब्रेकिंग अफवाह” वायरल हो गई— “ये SIR तो सिर्फ मुस्लिमों के लिए है… जानकारी दो नहीं तो देश से बाहर भेज देंगे!”
भाई, SIR का मतलब Special Intensive Revision है, Special Islamic Raid नहीं! लेकिन अफवाहबाज़ों को कौन समझाए?
मुस्लिम इलाकों में Panic Mode ON
नक्खास, पुलगामा, सहादतगंज, मुफ़्ती गंज, हुसैनाबाद, सरफराज गंज, दुबग्गा, बालागंज, ठाकुर गंज, अम्बर गंज— इन इलाकों में ये कहानी इतनी तेजी से फैली कि 5G भी शर्मा जाए।
लोग कह रहे—“ये सिर्फ मुस्लिमों के लिए है। ऐसी जानकारी मांग रहे हैं जो मुस्लिम चाह कर भी न दे!—फिर कहेंगे देश से बाहर जाओ, संपत्ति जब्त होगी!”
अब भइया… SIR तो बस मतदाता सूची सुधारने का कार्यक्रम है। वोटर लिस्ट, आधार, पता—ये सब चेक होता है। लेकिन अफवाह का कोई आधार नहीं होता… सिर्फ स्पीड होती है।
Election Commission की मंशा: “Fake Voters—Game Over!”
चुनाव आयोग का मकसद साफ है—

- फर्जी वोटरों की छुट्टी
- डुप्लीकेट एंट्री हटाना
- वोटर लिस्ट क्लीन-अप
लेकिन कुछ लोग इसे… “सीक्रेट सर्जिकल ऑपरेशन” बना कर बेच रहे हैं।
Administration के लिए Warning Bell
यदि समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाए तो मामला बड़ा प्रदर्शन तक पहुंच सकता है— और ये पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकता है।
आवश्यक कदम— जागरूकता अभियान- सोशल मीडिया फैक्ट-चेक- मोहल्ला-स्तर पर टीमों की तैनाती- इमामों, स्थानीय नेताओं के साथ संवाद क्योंकि जनमत का तापमान कम शब्दों में बढ़ जाता है— “SIR आया है… डर बढ़ा है।”
लखनऊ में अफवाहों का स्तर ये है कि अगर कोई कह दे— “SIR के बाद GIR भी आएगा!” तो आधा शहर पूछेगा— “GIR किसका फॉर्म है?” (भइया, GIR कुछ नहीं… imagination है!)
