
लगभग पाँच साल बाद, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं। सोमवार को इंडिगो की फ़्लाइट 6E-1703 ने कोलकाता से उड़ान भरकर चीन के ग्वांगझोउ में लैंड किया। करीब 180 यात्री इस ऐतिहासिक उड़ान के साक्षी बने।
कोविड ने रोकी थी उड़ान, गलवान ने तोड़ दिए थे पंख
साल 2020 की शुरुआत में कोविड महामारी के कारण दोनों देशों के बीच उड़ानें रोक दी गई थीं। लेकिन फिर आया गलवान घाटी का विवाद, जिसने आसमान की लाइनें भी बंद कर दीं। अब जब हवा में फिर से “शांति” की बुकिंग हुई है, तो लोग कह रहे हैं — “पहले बॉर्डर क्लियर करो, फिर एयरपोर्ट!”
सीमा से संवाद तक: रिश्ते फिर टेकऑफ़ पर
पिछले साल दोनों देशों के बीच सीमा गश्त समझौता हुआ था। और इस साल प्रधानमंत्री मोदी भी सात साल बाद चीन पहुंचे — वहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आए।
लगता है, अब “गलवान की गर्मी” कुछ ठंडी पड़ रही है और “ग्वांगझोउ की हवा” में दोस्ती की नई महक है।
सरकार का बयान: उड़ानें नहीं, रिश्ते बहाल हो रहे हैं
भारत सरकार ने कहा है कि उड़ानों की बहाली से people-to-people contact बढ़ेगा और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने में मदद मिलेगी।
मतलब अब बातचीत सिर्फ “एयर रूट” पर नहीं, “डिप्लोमैटिक रूट” पर भी लौट आई है।

अब देखना ये है कि फ्लाइट में सामान की लिमिट ज्यादा होगी या विश्वास की। क्योंकि गलवान के बाद अब हर इंडियन पैसेंजर कहेगा — “भाई, इस बार सिर्फ बैग नहीं… भरोसा भी संभालकर रखो!”
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