
अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump ने फिर से सुर्खियां बटोर ली हैं — और इस बार वजह है India और Russian Oil। ट्रंप ने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल की खरीद “पूरी तरह कम” कर रहा है।
यह बयान उन्होंने Malaysia जाते समय दिया, जहां वे ASEAN Summit 2025 में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
पर ट्विस्ट यह है कि — वही ट्रंप भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ़ पहले ही ठोंक चुके हैं, और अब कुल 50% अमेरिकी टैरिफ़ का मज़ा भारत को मिल रहा है!
Air Force One में हुआ बयान — उड़ते-उड़ते उड़ा दी खबर!
Air Force One विमान में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “चीन रूसी तेल की खरीद घटा रहा है, और भारत इसे पूरी तरह कम कर रहा है।”
अब ये “कम” कितना कम है, ये ट्रंप ही जानते हैं — क्योंकि भारत तो अब भी सस्ते तेल पर डिस्काउंट वाला प्रेम दिखा रहा है!
Trump बोले – China से करूंगा Peace Deal, Russia बोले – देखते हैं कौन रोकता है!
ट्रंप ने आगे कहा कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए चीन की मदद लेना चाहते हैं। मतलब, जो अब तक “China threat” बोलते थे, अब वही “China help” मांग रहे हैं!
चीन इस वक्त रूस का सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम है। पश्चिमी देशों के बैन के बाद से रूस का इकोनॉमिक बैलेंस वही संभाल रहा है। पर ट्रंप का कहना है — “अगर Xi Jinping थोड़ी ‘बात’ मान लें, तो World Peace हो सकता है।”
भाईसाहब, पहले Twitter unban करा लो, फिर World Peace की बात कर लेना!
India पर टैरिफ़ का बम – Trade के नाम पर झटका!
ट्रंप ने जब से भारत पर 25% का Extra Tariff लगाया है, तब से अमेरिकी-भारतीय व्यापार में “तनाव” से ज्यादा टैक्स दिख रहा है।
Irony ये है कि एक तरफ कहते हैं — “India is our great friend”, और दूसरी तरफ — “Friendship Tax 50% लागू!”
ट्रंप की यह नई “डिप्लोमेटिक डेयर” अमेरिका की Election Diplomacy Strategy भी मानी जा रही है — ताकि एशियाई वोटर्स को ये लगे कि “Boss, मैं सब पर नज़र रखता हूँ।”
ट्रंप का डिप्लोमेसी शो जारी है!
ट्रंप का बयान अब “Global Season 2” की तरह लगता है — हर एपिसोड में नया ट्विस्ट, नया टैरिफ़, और नया ट्वीट (या Truth Social पोस्ट)!
कभी कहते हैं “India our Best Ally”, और अगले ही हफ्ते बोल देते हैं — “Stop Buying Russian Oil!”
असल में ट्रंप की डिप्लोमेसी अब “ सीरीज़” जैसी लगती है — जितना देखो, उतना क्लिफहैंगर!
India बोले: तेल कम करेंगे, पर ट्रंप के बयान नहीं सुनेंगे!
भारत की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक़, “हम अपने हितों के हिसाब से तेल खरीदते रहेंगे — चाहे ट्रंप बोलें या ट्वीट करें।”
आखिरकार, डिप्लोमेसी में एक ही नियम है — “Oil बदले जा सकते हैं, लेकिन ट्रंप के बयान नहीं।
नालंदा- जहां कभी धुआं उठा था… अब वहां मोदी का विकास चमक रहा है

