तेजस्वी का ताना – ‘000 हाउस नंबर? EC को माफ़ी मांगनी चाहिए!’

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

रविवार को बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की, लेकिन यह कोई साधारण पीसी नहीं थी। यह एक “चुनावी हाउस नंबर कॉमेडी स्पेशल” था। तेजस्वी ने पूछा – “बिहार में तीन लाख घरों का हाउस नंबर 0, 000 या फिर 000/0000 है. ये मज़ाक है क्या?”

भाई साहब, अब तो गूगल मैप भी बोलेगा – “We can’t find this house, try heaven or hell.”

 तेजस्वी यादव ने कहा, “आप यहां लोकतंत्र को मजबूत करने, निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हैं. अगर विपक्ष सवाल उठा रहा है, प्रक्रिया पर शिकायत या सुझाव दे रहा है, तो कम से कम इस प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए.”

राहुल गांधी के ‘सबूत बॉम्ब’ का हवाला

तेजस्वी ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही कई सबूत दिए हैं कि “हेराफेरी” हो चुकी है, अब बिहार में ये काम “Upgrade Version” के साथ चल रहा है। लगता है इस बार फुल HD में हेराफेरी रिलीज़ हुई है!

डबल वोटर आईडी की दोहरी राजनीति!

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा के पास दो वोटर आईडी हैं – एक “पुरानी यादों की सौगात” बांकीपुर की और दूसरी “नई उम्मीदों की शुरुआत” लखीसराय की।

इसके जवाब में सिन्हा जी बोले, “नाम हटाने का फ़ॉर्म डाला था, लेकिन शायद ई-वोटर देवता व्यस्त थे!” उन्होंने कहा, “मेरे पास सबूत हैं,” मतलब अब अगली बार वोट देने जाएंगे तो ईवीएम बोलेगी – “Authentication Successful, सर्टिफिकेट प्रिंट करें?”

तेजस्वी बोले: “अगर चुनाव आयोग ग़लत पाया जाए तो माफ़ी मांगें और SIR वापस लें”

SIR यानी Special Intensive Revision – सुनने में तो ऐसा लगता है जैसे UPSC की कोचिंग हो रही हो। तेजस्वी का कहना है कि ये SIR नहीं, “Special Illogical Revision” बन गया है।

“डेमोक्रेसी तो है, पर वोटर लिस्ट में GPS नहीं!”

बिहार की राजनीति में ये नया बवाल दिखाता है कि लोकतंत्र जिंदा है – लेकिन वोटर लिस्ट शायद सीरीयस ICU में है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वो पारदर्शिता को Excel शीट से निकालकर जमीन पर लाए – वरना अगली बार कोई वोटर अपने 000 नंबर वाले घर से सीधा अंतरिक्ष से वोट डालेगा।

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