कर्बला की दास्तान में अगर कोई लम्हा सबसे ज्यादा रूह को झकझोरता है, तो वो है अली असग़र अ.स. की शहादत। महज़ छह महीने की उम्र, दूध के लिए तड़पता बच्चा, और पिता इमाम हुसैन अ.स. की गोद में तीर की ज़ुबान से मिला जवाब — यह नज़ारा न केवल इतिहास बल्कि इंसानियत के सीने पर एक ऐसा ज़ख्म है, जो कभी नहीं भरता। ये नौहा सिर्फ़ एक मातमी नज़्म नहीं, बल्कि उस मासूम चीख़ का साज है जिसे न कोई ज़ुबां मिली, न ज़मीर ने जवाब दिया। ये तरन्नुम…
Read MoreDay: July 4, 2025
चौचक स्टार्टअप आइडिया- “संस्कारी दिखना है? तो किराए पर दूल्हा लो!”
भारत में शादी सिर्फ़ एक पवित्र रिश्ता नहीं, बल्कि सोशल मीडिया प्रूफ है कि “हम भी लाइफ में कुछ कर रहे हैं।” ऐसे में जिनको शादी करनी है Instagram पर फोटो डालने के लिए या पैरेंट्स के सामने सिचुएशन सम्हालने के लिए, उनके लिए आया है – “दूल्हा ऑन रेंट”। पति को झटका, पत्नी का फैसला! अपना दल में ‘प्यार और सियासत’ का ट्विस्ट यह स्टार्टअप उन आधुनिक, करियर-फोकस्ड या सामाजिक दबाव से थकी हुई लड़कियों के लिए है जिन्हें शादी चाहिए – बस थोड़ी देर के लिए। यूएसपी: No…
Read Moreस्टार्टअप! Cheel’d Out: चाय भी, WiFi भी — और हर कुल्हड़ में कूलनेस भी
अगर आपके पास ₹2 लाख हैं और आप दिल से सोचते हैं कि “कुछ बड़ा करना है, लेकिन कॉरपोरेट गुलामी नहीं करनी”, तो जनाब, आपका धंधा तैयार है – नाम है “Cheel’d Out – चाय मिलेगी तो सब चील!” ये कोई आम चाय की टपरी नहीं, ये है देसी स्टार्टअप के सपनों का पहला कुल्हड़। यहाँ WiFi मुफ्त है, लेकिन आइडिया महंगे हैं। कुल्हड़ ऐसे कि कैमरा खुद कहे – “Say kadak!” टारगेट ऑडियंस? वो लोग जो ऑफिस नहीं जाते, पर लैपटॉप खोलते हैं। जो Zoom पर मीटिंग में हों,…
Read Moreअनुप्रिया के बागी हुए बेफ़िक्री से मंत्री! अब योगी से पद वापसी की सिफारिश
जब अनुप्रिया पटेल अपने ‘अपना दल (एस)’ को लेकर दिल्ली-लखनऊ के बीच गठबंधन धर्म निभा रही थीं, उसी वक्त उनके पुराने सिपाही तलवारें निकाल कर मोर्चा खोल बैठे।ब्रजेंद्र सिंह पटेल और बौद्ध अरविंद पटेल, जिन्हें कभी पार्टी ने बड़े पदों पर बिठाया था, अब खुद को “असली अपना दल” बताकर बैनर-बजाएं लेकर मैदान में उतर आए। मर्डर, दो शादियाँ और दो मंगलसूत्र: सोनम का राज़ या राज़ी? चिट्ठी बम: जब सीएम योगी को हुई शिकायत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आर.पी. गौतम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक खास चिट्ठी लिखी,…
Read Moreमर्डर, दो शादियाँ और दो मंगलसूत्र: सोनम का राज़ या राज़ी?
राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में हर दिन एक नया मोड़ आ रहा है। अब इस कहानी में शादी, धोखा, और दो मंगलसूत्रों वाला एंगल जुड़ गया है — जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। लखनऊ शाही मेहंदी जुलूस: मोहर्रम पर तहज़ीब, मातम व एकता का प्रतीक क्या सोनम ने हत्या के बाद की दूसरी शादी? राजा रघुवंशी के बड़े भाई विपिन रघुवंशी ने गुरुवार को चौंकाने वाला दावा किया। उनके अनुसार, हो सकता है कि राजा की पत्नी सोनम ने उसके मर्डर के बाद राज कुशवाहा के साथ…
Read Moreलखनऊ शाही मेहंदी जुलूस: मोहर्रम पर तहज़ीब, मातम व एकता का प्रतीक
जब मोहर्रम दस्तक देता है, तो लखनऊ की रंगीन गलियाँ एकदम बदल जाती हैं। चाहे वह मातम हो, मेहंदी की जलीलियत हो या साबित तहज़ीब — यह शहर गंगा-जमुनी एकता का जुमला बन जाता है। जब ‘जय भीम’ सिर्फ़ नारा नहीं, इंकलाब बन गया अज़ादारी की तहज़ीबी जड़ें 18वीं सदी में नवाब असफ़‑उद‑दौला ने लखनऊ को शिया संस्कृति का केंद्र बनाया। “मजलिस”, “नौहे”, “अलम”, “ताज़िया” — यह परंपराएँ यहाँ की रग‑रग में घुल चुकी हैं।अब अज़ादारी 29 जिल‑हिज्जा के बाद रबी‑उल‑अव्वल तक फहराती रहती है, एक दायरे में दोनों तरफ़…
Read Moreजब ‘जय भीम’ सिर्फ़ नारा नहीं, इंकलाब बन गया
जब कोई कहता है “जय भीम”, तो वो सिर्फ़ एक अभिवादन नहीं करता — वो एक विचार, एक इतिहास और एक सामाजिक विद्रोह को सलाम करता है। इस दो शब्दों में छिपी है आज़ादी, समानता और न्याय की जंग। “जय भीम” का जन्म — सम्मान से उठी आवाज़ “जय भीम” नारे की शुरुआत 1940 के दशक में मानी जाती है। यह नारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों द्वारा उनके सम्मान में गढ़ा गया। शुरुआत में यह एक क्रांतिकारी अभिवादन था, जिसे दलित समाज के लोग आपसी मेलजोल और आत्मसम्मान के…
Read Moreजंगल में मौत– बंदर, बाघ और तेंदुआ बना टॉक्सिक टारगेट
जब ज़हर सिर्फ़ सांपों में नहीं, इंसानों की सोच में हो- कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व और महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य से जो तस्वीरें आई हैं, वो जंगल की नहीं, मानो किसी क्राइम सीरीज़ की स्क्रिप्ट लग रही हैं।20 बंदरों की लाशें, बोरियों में भरकर फेंकी गईं — दो बंदर बचे, मगर उनकी आँखों में इंसानों पर से भरोसे की आख़िरी बूंद भी नज़र नहीं आ रही थी। कर्ज़ में डूबे किसान और बयान में तैरते नेता – राहुल बनाम बीजेपी सीज़न 12 वन्यजीवों का सफ़ाया अब ‘शिकार’ नहीं रहा, ये…
Read Moreहिमाचल- बारिश आई, बहा ले गई सड़कें… सरकार आई, दे गई 5 हज़ार
हिमाचल प्रदेश की वादियाँ इन दिनों सिर्फ़ टूरिज़्म की सेल्फ़ी बैकग्राउंड नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आपदा का पोस्टर बन चुकी हैं।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुताबिक़, भारी बारिश के चलते अब तक 69 लोगों की मौत, 110 घायल, और 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। सड़कों का नाम-ओ-निशान मिट चुका है, बिजली की लाइनें टूटकर उस लेवल पर आ गई हैं जहाँ सरकार की जवाबदेही अक्सर होती है – “डिस्कनेक्टेड”। गजब खलिहर लोग हैं! ढांचे से दिमाग तक गरम – मथुरा में अब जुबानी जंग जब मकान ढहें, सरकार…
Read Moreगजब खलिहर लोग हैं! ढांचे से दिमाग तक गरम – मथुरा में अब जुबानी जंग
उत्तर प्रदेश के मथुरा में चल रहे कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद का नया अध्याय खुला, लेकिन पन्ना थोड़ा फीका निकला। हिंदू पक्ष ने हाई कोर्ट में अर्ज़ी लगाई कि ‘शाही ईदगाह मस्जिद’ को अब ‘विवादित ढांचा’ कहकर पुकारा जाए। यानी नाम बदलने से काम सुधर जाएगा। एक तरफ IIT, NEET और UPSC के बच्चे दूसरी तरफ करोड़पति रीलबाज कोर्ट ने कहा: “इतना भी मत घसीटो…” इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने याचिका को “इस स्तर पर खारिज” कर दिया।कोई विस्तृत ऑर्डर नहीं, बस…
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