
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनेट बैठक में कुल 16 प्रस्ताव पेश किए गए, जिनमें से 15 को मंजूरी मिल गई। सिर्फ एक कृषि प्रस्ताव को स्थगित किया गया है।
बैठक में कर्मचारियों, निवेशकों, नागरिकों और शहरों से जुड़ी बड़ी घोषणाएं की गईं। आइए जानते हैं, किसे क्या मिला।
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए राहत की सौगात – बनेगा सेवा निगम
UP सरकार ने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम” के गठन को मंजूरी दी है।
इस कदम का मकसद:
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आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण रोकना,
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समय पर वेतन,
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ईपीएफ और अन्य लाभों की गारंटी देना।
यह निगम सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए नियमित संरचना बनाएगा।
नई निर्यात नीति 2030 – कारोबारियों को मिलेगी राहत
कैबिनेट ने नई निर्यात नीति 2025-2030 को मंजूरी दी है, जिसमें:
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टैरिफ में रियायत,
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लॉजिस्टिक्स सपोर्ट,
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निर्यात बढ़ाने के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन।
यह नीति यूपी को निर्यात के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
लखनऊ और कानपुर को मिलेंगी 200 नई बसें
शहरी परिवहन को सशक्त करने के लिए:

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लखनऊ और कानपुर के लिए 100-100 नई बसों की खरीद को हरी झंडी।
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इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क होगा मजबूत।
आम जनता के लिए राहत और ट्रैफिक लोड कम करने में मदद मिलेगी।
उद्योगों को बढ़ावा – इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और निवेश नीति को स्वीकृति
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उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति 2025 को मंजूरी।
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औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत कई कंपनियों को Letter of Comfort जारी करने की स्वीकृति।
यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने की दिशा में यह एक ठोस कदम है।
पैतृक संपत्ति रजिस्ट्री अब सिर्फ ₹5000 में
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संपत्ति बंटवारे की रजिस्ट्री के लिए फ्लैट ₹5000 शुल्क निर्धारित।
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इससे लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी और पारिवारिक संपत्ति विवादों का समाधान आसान होगा।
नगर विकास को नई रफ्तार
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कैबिनेट ने नगर विकास विभाग के तहत कई प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी।
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इसमें नगर निगमों के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रस्ताव शामिल हैं।
संभल हिंसा जांच रिपोर्ट और स्टांप विभाग को मिली ‘गवर्नमेंट’ मान्यता
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संभल हिंसा मामले में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पेश की गई।
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स्टांप विभाग को अब आधिकारिक रूप से “सरकारी विभाग” घोषित किया गया है।