
World Bank के President अजय बंगा खुद इस मॉडल के फैन बन गए हैं। उन्होंने साफ कहा — “यह कोई किताबों वाला आईडिया नहीं, जमीन पर tested success है!”
यानी अब यूपी सिर्फ पॉलिटिक्स का नहीं, प्रोग्रेसिव एग्रीकल्चर का भी हॉटस्पॉट है।
छोटे किसान, बड़ा धमाका
छोटे और सीमांत किसानों को अब ना बैंक की लाइन में खड़ा होना पड़ता है, ना साहूकार की चिकचिक में उलझना।
“उत्तर प्रदेश बैंकशिप मॉडल” ने किसानों को दिया है:
- Heat-resistant seeds
- मिट्टी के अनुकूल उर्वरक
- Resilient फाइनेंसिंग (लोन भी और इज़्ज़त भी)
- बीमा जो मुसीबत में काम आए
- Smart सिंचाई सिस्टम
यानि अब मौसम खराब हुआ तो किसान की ज़िंदगी नहीं।
जब AI बन गया खेत का दोस्त
अब किसान का सबसे भरोसेमंद साथी है – उसका मोबाइल। एक क्लिक और AI-based app बता देता है:
- कौन सी बीमारी है फसल में
- कौन सा उर्वरक डाले
- कब आ रहा तूफान
मतलब अब किसान भी बोले – “अरे भइया, ChatGPT जैसा कुछ हमारे लिए भी है!”
क्रेडिट इतिहास तैयार
Payment और लेनदेन भी सब डिजिटल।
इसका फायदा?

- Credit history तैयार
- अगली बार लोन में नहीं कटेगा चक्कर
- ब्याज भी कम
UP में किसान अब बैंक की शाखा नहीं, डिजिटल डेटा से बना रहे शाख और पहचान।
Global Benchmark बन गया UP
World Bank ने कहा – “This is not a dream, it’s a working model!” अब इस मॉडल को दुनिया भर में लागू करने की बात हो रही है। सोचिए, कल को कोई अफ्रीकन किसान बोलेगा – “हमने भी यूपी वाला फार्मिंग ऐप लगाया है।”
योगी सरकार की डिजिटल दूरदर्शिता
CM योगी आदित्यनाथ की नीतियां अब Tech x Krishi का नया चैप्टर लिख रही हैं। जहां बाकी राज्य MSP पे लड़ रहे हैं, यूपी MSP = “Modern Smart Productivity” पे चल रहा है।
UP Bankship Model ने दिखा दिया कि अगर सरकार, टेक्नोलॉजी और किसान एक साथ आ जाएं, तो खेती सिर्फ रोज़गार नहीं, एक रिस्पेक्टेड प्रोफेशन बन सकती है।
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