“तुर्की बोला – ‘हम आतंकी नहीं, डिप्लोमैट हैं!’ दिल्ली ब्लास्ट पर सफाई जारी”

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन

दिल्ली ब्लास्ट केस में जब तुर्की कनेक्शन की बात भारतीय मीडिया में जोर पकड़ने लगी, तो अब सरकार ने खुद मैदान में उतरकर इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।

तुर्की के “डायरेक्टरेट ऑफ़ कम्युनिकेशन्स – सेंटर फॉर काउंटरिंग डिसइन्फ़ॉर्मेशन” की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया — “कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने यह दावा किया है कि तुर्की का भारत में हुई आतंकवादी घटनाओं से संबंध है और वह आतंकवादी समूहों को लॉजिस्टिक, कूटनीतिक और वित्तीय मदद देता है।

ये सभी दावे झूठे और तथ्यहीन हैं।”

“भ्रामक प्रचार से रिश्ते खराब करने की कोशिश”

तुर्की ने कहा कि “यह एक डिसइन्फ़ॉर्मेशन कैंपेन (भ्रामक प्रचार अभियान) का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत और तुर्की के बीच रिश्तों में दरार डालना है।” अंकारा ने यह भी जोड़ा कि “तुर्की हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है — चाहे वो कहीं से भी आए या किसी भी विचारधारा से जुड़ा हो।” यानि, तुर्की खुद को ‘आतंकवाद विरोधी मोर्चे’ का लीडर बताने में जुटा है।

दिल्ली ब्लास्ट पर भारत में सियासी हलचल

गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। भारत सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया है और NIA को जांच सौंप दी गई है।

बीच में भारतीय मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में तुर्की हैंडलर UKASA और अंकारा कनेक्शन की बात सामने आई थी, जिसे लेकर अब तुर्की सरकार ने यह साफ-साफ कहा है कि “ऐसे आरोप बिलकुल बेबुनियाद हैं और हमारे देश की छवि खराब करने की कोशिश है।”

सवाल तो फिर भी बाकी हैं…

अब सवाल ये है कि अगर तुर्की का कोई रोल नहीं है — तो फिर UKASA नाम के तुर्की नंबर वाले हैंडलर की चैट्स भारतीय एजेंसियों को कैसे मिलीं?

क्या ये कोई थर्ड पार्टी सायबर नेटवर्क का खेल था, या फिर कोई ‘डिजिटल छद्म युद्ध’ (cyber shadow war) चल रहा है जहां कोई तीसरा देश दोनों देशों के बीच गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहा है?

Turkey Relations पर असर?

राजनयिक जानकारों का मानना है कि भारत और तुर्की के बीच रिश्ते पहले से ही संवेदनशील मोड़ पर हैं — खासकर कश्मीर मुद्दे पर अतीत के तुर्की बयानों के बाद। ऐसे में ये “ब्लास्ट कनेक्शन” वाली रिपोर्ट्स दोनों देशों के बीच नई कूटनीतिक तकरार पैदा कर सकती हैं।

बिहार एग्जिट पोल 2025: “फिर फेल होंगे या इस बार पास?”

Related posts

Leave a Comment