
पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तनाव चरम पर है। लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवाद के मैदान से सीधा कूद मारी है कीबोर्ड योद्धाओं की दुनिया में, जहां उसके हैकर्स साइबर अटैक कम और ऑनलाइन स्टंटबाज़ी ज़्यादा कर रहे हैं।
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पाकिस्तानी झंडा वेबसाइट पर, मगर डेटा कब चुराया?
सोमवार को “पाकिस्तान साइबर फोर्स” नामक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट ने दावा किया कि उसने भारत की सैन्य इंजीनियरिंग सेवा और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (MP-IDSA) से जुड़ा संवेदनशील डाटा चुरा लिया। ऊपर से तड़का ये लगाया गया कि आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड (AVNL) की वेबसाइट हैक करके उस पर पाकिस्तानी झंडा और ‘अल खालिद’ टैंक की तस्वीर भी चिपका दी गई।
मतलब साफ है:
“हम हमला भी करेंगे और खुद ही पोस्टर भी लगाएंगे, ताकि पता चले कि हम ही थे!”
पाकिस्तानी हैकर्स की ये चाल ऐसी ही है जैसे चोर चोरी कर के दीवार पर लिखा छोड़ दे – “मैं ही था मुहब्बत से, सादर – पाकिस्तान साइबर फोर्स”।
भारत की सुरक्षा एजेंसियां चौकस
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा कारणों से एवीएनएल की वेबसाइट फिलहाल बंद कर दी गई है, ताकि जांच पूरी हो सके। साइबर सुरक्षा एजेंसियां अब 24×7 निगरानी मोड में आ चुकी हैं।
सरकार ने साफ किया है – “डिजिटल हमला हो या फिजिकल, अब हम न टालेंगे और न ही टोलरेंस दिखाएंगे।”
पाकिस्तान को डिप्लोमैटिक ‘अनसब्सक्राइब’
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या ने भारत को कड़ा रुख अपनाने पर मजबूर किया है। इसके जवाब में भारत सरकार ने:
सार्क वीज़ा छूट रद्द कर दी
सिंधु जल समझौता निलंबित किया
डाक सेवाएं रोकीं – अब खत भी नहीं जाएंगे, क्योंकि बात अब बुलेट की है, पेन की नहीं
क्या ये हमला वाकई गंभीर था?
वास्तविक नुकसान कितना हुआ है, इसकी जांच जारी है। लेकिन सबसे बड़ा नुकसान पाकिस्तान को ये हुआ कि वो फिर से पकड़ा गया – रंगे हाथ, डिजिटली।
इस बार हमला मौका देख के डेटा उड़ाने का नहीं, बल्कि ‘देखो हमने हैक किया’ वाला प्रचार ज्यादा था – यानी डिजिटल ड्रामा।
भारत को डरा नहीं सकते वो, जो वेबसाइट पर झंडा टांग कर हीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत की साइबर सुरक्षा अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि प्रोएक्टिव मोड में आ चुकी है। और पाकिस्तान की हर Ctrl+C / Ctrl+V हैकिंग चाल पर अब ‘Ctrl+Alt+Delete’ का जवाब तैयार है।
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