
अलीगढ़ ज़िले के लोधा थाना क्षेत्र के बुलाकगढ़ी और भगवानपुर गांवों में तब बवाल मच गया जब पांच हिंदू मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे मिले।
ग्रामीणों ने इसे धार्मिक भावनाओं से छेड़छाड़ बताया और करणी सेना ने मोर्चा संभाल लिया।
करणी सेना की एंट्री — ठा. ज्ञानेंद्र सिंह चौहान मौके पर
जैसे ही करणी सेना के कार्यकर्ताओं को यह जानकारी मिली, उन्होंने वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठा. ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को सूचना दी।
ठाकुर साहब अपने साथियों संग मौके पर पहुंचे, लेकिन उससे पहले क्षेत्रीय पुलिस ने फुल ‘डैमेज कंट्रोल मोड’ ऑन कर दिया —दीवारों पर सफेद पुताई करके सबूत मिटाने की कोशिश!
“पुताई से सच नहीं छुपेगा” — करणी सेना का विरोध और गिरफ्तारी
करणी सैनिक सचिन कुमार ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया, तो पुलिस ने उन पर ही मारपीट कर थाने में बंद कर दिया। अब मामला शांत कैसे रहता?
ठा. ज्ञानेंद्र सिंह चौहान के पहुंचने के बाद तो पूरा इलाका नारों और विरोध से गूंज उठा — “पुताई नहीं, सच्चाई चाहिए!”
2 घंटे का हंगामा और फिर छोड़ा गया कार्यकर्ता
करीब दो घंटे तक हंगामा और प्रदर्शन के बाद, पुलिस ने आखिरकार सचिन कुमार को छोड़ दिया। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन करणी सेना ने आठ संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर मामला गरमा दिया।

सवाल वही पुराना — पुलिस धर्म देखती है या कानून?
इस पूरे मामले ने एक बार फिर ये बहस छेड़ दी है कि जब मामला धार्मिक स्थलों का होता है, तो पुलिस की ‘पेंटिंग स्किल्स’ अचानक क्यों बढ़ जाती हैं?
भले ही पुताई से दीवार साफ हो जाए, पर ‘भरोसे की दीवार’ पर दाग रह जाता है।’
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