
तमिलनाडु सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है जिसे देखकर बाकी राज्य सोच में पड़ जाएंगे कि “हम क्यों नहीं कर पाए ये?”
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन द्वारा शुरू की गई ‘थैयुमानवर’ योजना के तहत अब 70 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग परिवारों को उनके घर पर राशन दिया जाएगा। और वो भी बिना धक्का-मुक्की और कतार में खड़े हुए!
कैसे पहुंचेगा राशन घर तक?
सरकार ने बताया कि उचित मूल्य की दुकानों (Fair Price Shops) से राशन लेकर गाड़ियाँ सीधे लाभार्थियों के घर जाएंगी। ई-पीओएस मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक तराजू का उपयोग किया जाएगा ताकि वितरण हो सटीक और पारदर्शी। 5 और 6 अक्टूबर को पूरे राज्य में एक साथ वितरण किया जाएगा।
यानी इस बार राशन मेला नहीं, सीधे “डोर डिलीवरी” वाला फील आएगा!
कितने लोग होंगे लाभान्वित?
इस योजना से तमिलनाडु के 21.7 लाख कार्डधारक लाभान्वित होंगे। इनमें वे शामिल हैं जो या तो वरिष्ठ नागरिक (70+) हैं या दिव्यांग परिवारों के सदस्य हैं।
अब दादी को गर्मी में लाइन में खड़े होकर शक्कर के लिए बहस नहीं करनी पड़ेगी।
एफपी दुकानों को निर्देश: जनता को बताएं!
राज्य सरकार ने सभी उचित मूल्य की दुकानों को निर्देश दिया है कि वे योजना की जानकारी अपने नोटिस बोर्ड पर स्पष्ट रूप से चिपकाएं।
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पात्र लाभार्थियों को समय पर सूचित करें। सरकार ने भी साफ़ कहा है — “मौका है, लाभ उठाइए!”
‘थैयुमानवर’ योजना: एक मानवीय पहल
‘थैयुमानवर’ का मतलब होता है — “स्नेही और देखभाल करने वाला”। इस नाम के पीछे सरकार की भावना है कि बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों को सम्मान के साथ सुविधा मिले।
जब सुविधा सच्ची होती है, तो सरकारें दिल जीत लेती हैं — और वोट भी।
दिवाली गिफ्ट से कम नहीं ये कदम!
दिवाली से पहले यह कदम गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी गिफ्ट से कम नहीं। बिजली, पटाखे और मिठाइयाँ तो होंगी ही, अब राशन भी सीधा दरवाज़े पर दस्तक देगा।
जब पब्लिक सर्विस बन जाए पर्सनल केयर
तमिलनाडु सरकार ने यह दिखा दिया कि टेक्नोलॉजी, योजना और राजनीतिक इच्छाशक्ति अगर एक साथ आएं, तो “लाइन में लगना इतिहास बन सकता है।”
उम्मीद है बाकी राज्य भी अब सिर्फ़ वादे नहीं, ‘थैयुमानवर’ जैसे एक्शन प्लान अपनाएँगे।