हमास की नई पेशकश: ग़ज़ा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई पर बनी बात?

हमास ने ग़ज़ा में 60 दिन के लिए “शांति की चाय” पीने का प्रस्ताव दे दिया है, वो भी मिस्र और क़तर की चुस्की के साथ। इस प्रस्ताव के तहत हमास बचे हुए 50 बंधकों को दो किश्तों में छोड़ेगा – जैसे कोई EMI प्लान हो। प्रस्ताव की EMI डिटेल्स: 60 दिन का युद्ध विराम पहले 20 बंधक रिहा होंगे, जिनके ज़िंदा होने की “उम्मीद” जताई गई है फिर बात होगी स्थायी युद्ध विराम की – यानी “देखते हैं आगे क्या होता है!” नेतन्याहू की चुप्पी: इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू…

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यमन का मिसाइल झटका! इजराइल कांपा, अमेरिका सन्न, जंग की गूंज!

एक बार फिर मध्य-पूर्व की तपती रेत से धुएं का वो गुबार उठा है जो सीधे अमेरिका और इजराइल की छाती में उतर रहा है। पर इस बार मामला अलग है—हमला हुआ है इजराइल के भीतर, बीर शेवा में। यह वही इलाका है जो हमेशा राजनीतिक नक्शे में शांत और अछूता रहा है। लेकिन अब, यमन ने इसे युद्ध के पहले बड़े मैदान में तब्दील कर दिया। गाजर का हलवा और गुरुत्वहीनता – अंतरिक्ष से आई भारत की महक बिग्रेडियर जनरल याह्या सारी, यमन के सशस्त्र बलों के प्रवक्ता, ने…

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ईरान ने भारत को कहा धन्यवाद: क्या बदल रही है वैश्विक शक्ति की धुरी?

मिसाइलें आसमान चीर रही थीं, बंकर बस्टर बम ज़मीन थर्रा रहे थे, और पूरा मध्य-पूर्व आग की लपटों में घिरा था।लेकिन amidst the chaos, एक देश ने चुपचाप अपनी भूमिका निभाई — भारत। मोदी सरकार में किसानों की स्थिति में बदलाव: कृषि सुधारों की पूरी कहानी नई दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास ने जैसे ही सोशल मीडिया पर भारत के लिए अपना संदेश पोस्ट किया — पूरी दुनिया चौंक गई। यह सिर्फ एक डिप्लोमैटिक ट्वीट नहीं था, बल्कि एक युद्धरत राष्ट्र की भावनात्मक स्वीकारोक्ति थी। “भारत के महान और स्वतंत्रता-प्रेमी…

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ईरान-इज़राइल युद्ध में इंसानियत हारी। पढ़िए एक भावनात्मक रिपोर्ट

कभी वह ख़बरों में था, कभी खुफ़िया रिपोर्टों में, और फिर एक दिन हकीकत बन गया — ईरान और इज़राइल के बीच जंग, वो भी उस वक्त जब दुनिया पहले ही नफरत और बारूद से थकी हुई थी। इस युद्ध में केवल मिसाइलें नहीं दागी गईं, माँओं की ममता, बच्चों के सपने, और इंसानियत की उम्मीदें भी चिथड़े-चिथड़े हो गईं। जहाँ एक पक्ष इसे “आत्म-सम्मान की रक्षा” कह रहा था, वहीं दूसरा “रक्षा का जवाब”। डार्लिंग, धर्म कोई स्टार्टअप नहीं है! पहले ग्रंथ पढ़ो, फिर प्रवचन दो लेकिन सच्चाई यह थी कि…

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ईरान-इज़राइल युद्ध : निशाना मिलिट्री, असर आम आदमी पर

पिछले एक हफ्ते से ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध किसी फिल्मी क्लाइमैक्स की तरह चल रहा है — दिन-रात मिसाइलें, धमाके और टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़। शुक्रवार शाम को तो हद ही हो गई जब ईरान ने तेल अवीव, बीर्शेबा और हाइफा जैसे प्रमुख शहरों पर सीधा हमला कर दिया। अखिलेश ने उठाई आवाज़- स्कूल दूर हुआ तो बेटी की पढ़ाई बंद 25 बैलिस्टिक मिसाइलें: “निशाना मिलिट्री, असर आम आदमी पर” ईरान ने दावा किया है कि उसने 25 बैलिस्टिक मिसाइलों से इज़राइली मिलिट्री ठिकानों, डिफेंस इंडस्ट्रीज और कंट्रोल…

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यार बने यमराज: ईरान-इज़राइल का इश्क़ ए जंग!

1948 में जब इज़राइल बना, तो पूरी अरब दुनिया ‘नो वे’ मोड में थी। लेकिन ईरान? उसने न सिर्फ हाथ मिलाया, बल्कि तेल से भरी हुई गाड़ी भी भेज दी। अमेरिका खुश, इज़राइल खुश, शाह खुश। दोनों देश एक-दूसरे के इंटेलिजेंस एजेंसी को डेट कर रहे थे – मोसाद और SAVAK की ‘गुप्त मीटिंग्स’ में चाय के साथ हथियारों की डील भी चलती थी। राजा रघुवंशी मर्डर केस : सोनम पर ही नहीं, अब परिवार पर भी शक ब्रेकअप टाइम: क्रांति आई और प्यार गया तेल लेने 1979 में ईरान…

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ईरान का बड़ा हमला: अमेरिका भी इज़राइल के जुर्म में भागीदार!

मिडल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर अमेरिका को सीधे तौर पर निशाने पर लिया है। इज़राइल की सैन्य कार्रवाइयों को लेकर जारी बयान में ईरान ने कहा है कि अमेरिका को “इज़राइल के अत्याचारों का भागीदार” माना जाएगा। चिंगारी से हड़कंप! मंत्री बोले- हज यात्री पूरी तरह सुरक्षित प्रवक्ता का दो टूक बयान ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा,“हम यह नहीं कहते कि हर अमेरिकी नागरिक या नीति-निर्माता ज़ायोनिस्ट शासन की आक्रामकता का समर्थन करता है, लेकिन यह…

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इजराइल-ईरान जंग: धमाकों के बीच कश्मीर अलर्ट पर, भारत में मचा हड़कंप

शुक्रवार की सुबह जब दुनिया कॉफी बनाकर टीवी ऑन कर रही थी, उसी वक्त मिडिल ईस्ट में रॉकेट लॉन्चर ऑन हो रहे थे। इजराइल ने ईरान पर मिसाइलें बरसाईं, और आसमान में वो पटाखे फूटे, जिनके शोर ने सिर्फ तेहरान नहीं, श्रीनगर तक के सायरन भी जगा दिए। कुर्सी नहीं छोड़ी! लोकभवन में मृत्युंजय सिंह का ‘भूतपूर्व भौकाल’ जारी…  जमीन पर सायरन, दिलों में डर ईरान के शहरों में जैसे ही धमाकों की आवाज़ें गूंजी, भारत के जम्मू-कश्मीर में पुलिस रेडी हो गई। खासकर शिया बहुल इलाकों में, क्योंकि धर्म…

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इजरायल की ‘किलिंग मशीन’ की गुप्त दुनिया और ऑपरेशन्स की गाथा

इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) का नाम सुनते ही एक खामोश और बेहद खतरनाक शक्ति की छवि उभरती है। यह वो एजेंसी है जो न तो भूले और न ही माफ करती है। 13 दिसंबर 1949 को जब डेविड बेन गुरियन ने इसकी नींव रखी थी, तब शायद किसी को अंदाज़ा नहीं था कि एक दिन यह दुनिया की सबसे चर्चित और ताकतवर खुफिया एजेंसी बन जाएगी। ट्रिलियन ड्रामा? पाकिस्तानी एंकर का वायरल ‘नशे वाला’ भाषण! मोसाद का गठन और शुरुआती ढांचा इजराइल की स्थापना के कुछ ही समय…

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इजराइल से क्यों चिढ़ते हैं खाड़ी देश? अमेरिका का लाडला कैसे बना ताकतवर खिलाड़ी!

इजराइल— एक ऐसा देश जो दुनिया के नक्शे पर जितना छोटा है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका उतना ही बड़ा प्रभाव है। खासकर खाड़ी देशों के लिए, यह नाम न सिर्फ कूटनीतिक तनाव का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक संघर्ष की निरंतरता भी है। पर सवाल है — खाड़ी देशों को इजराइल से इतनी चिढ़ क्यों है? और अमेरिका इसके साथ क्यों खड़ा रहता है? वॉशिंगटन में दो इसराइली राजनयिकों की हत्या, भारत ने जताया सख़्त विरोध 1. अरब-इजराइल युद्धों की विरासत: शुरुआत कहां से हुई? 1948 में इजराइल की स्थापना…

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