बिहार में अबकी बार चुनाव खाली “सड़क से संसद” ना, बलुक ‘समीकरण से सियासत’ तक चल रहल बा।लालू प्रसाद यादव के पुरान M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण के जे ‘महाबली’ कह के लोग याद करत रहल, अब ओही पर प्रशांत किशोर (PK) के डिजिटल और ज़मीनी हमला हो गइल बा। PK के कहना बा: “अब एम-वाई ना चले, वाई-एम के भी बैटरी डाउन हो गइल बा!” PK के दिमागी बम: “लालटेन के तेल मत बनीं, बल्ब जलाईं!” PK, जे राजनीति में आधा नेता, आधा ‘वोटिंग डेटा साइंटिस्ट’ बाड़न, कहत बाड़न कि RJD…
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ई बार के बिहार चुनाव में सबके पसीना छूट गइल बा!
भइया, अबकी बिहार विधान सभा चुनाव 2025 के हालत कुछ अइसन बा, जइसन ससुराल में बिना दूल्हा के बरात पहुँच गइल हो! पहिले त सियासत बड़ा सिंपल रहल — जदयू, भाजपा अउर राजद में से जे दो गो मिल गइल, उहे सरकार बना लेहलें। बाकिर अबकी बार मैदान में उतर गइल बाड़न चुनावी चाणक्य प्रशांत किशोर पांडे! जब ‘पदयात्री PK’ बन गइल चुनावी महायोद्धा PK बाबू त तीन साल से बिहार के गाँव-गाँव पदयात्रा करत घूम रहल बाड़न। का बड़कका, का छुटभैये नेता – सबके पसीना छुड़ा देले बाड़न। एगो…
Read Moreतेजस्वी यादव का तंज: पढ़ाई, कमाई, दवाई का नारा हमसे चुराया
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार पर निशाना साधा है — और इस बार बाण पढ़ाई, कमाई, दवाई वाले क्विक-ड्राफ्ट स्लोगन से निकला। “जिन्होंने 20 साल राज किया, उनसे कोई क्यों नहीं पूछ रहा कि बिहार अब भी पीछे क्यों है? – तेजस्वी यादव बिहार में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य का ‘विकास दर 2G स्पीड’ तेजस्वी का कहना है कि आज भी बिहार प्रति व्यक्ति आय, रोजगार, निवेश और शिक्षा जैसे हर मोर्चे पर सबसे पिछड़ा है। “हमने ‘पढ़ाई, कमाई,…
Read More“डेटा लाया, टोपी नहीं… बिहार में केजरीवाल वर्जन PK!”
प्रशांत किशोर यानी PK, कभी मोदी के लिए कैंपेन मास्टर, कभी कांग्रेस के लिए नीति-निर्माता, और कभी नितीश के पार्टी ऑफिस में पदाधिकारी। अब PK ने चप्पलें पहन ली हैं — लेकिन इस बार चुनावी कैंपेन मैनेज नहीं कर रहे, खुद मंच संभालने की तैयारी में हैं। और जिनके लिए कभी नारा गढ़े थे, अब उन्हीं पर वार कर रहे हैं — बिना माइक छोड़े, बिना मुस्कराहट छोड़े। डेटा तो है ही साथ — काम सबके लिए किया, अब Weapon बना लिया जब PK ने कहा कि “मेरे पास डेटा है”,…
Read Moreसारण से PK का पावरफुल संदेश: “मैं सीएम बनने नहीं, इतिहास रचने आया हूं”
बिहार की सियासत में बदलाव की बयार लाने की कोशिश कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को सारण में जनसभा के दौरान तीखा बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि उनका लक्ष्य मुख्यमंत्री बनना नहीं है, बल्कि बिहार को उस मुकाम तक पहुंचाना है जहां दूसरे राज्यों के लोग रोजगार की तलाश में आएं। करणी माता के दरबार से मोदी का मिशन सुरक्षा और विकास शुरू, जानिए माता की महिमा “कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं मुख्यमंत्री बनने आया हूं। लेकिन आप मुझे नहीं जानते। हम…
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