दुनिया को जानो बाबू: वक़्फ़ पर सियासी संग्राम! हक़ीक़त बनाम हाइप

वक़्फ़ प्रबंधन से जुड़ा विधेयक कुछ ही घंटों में राजनीतिक बयानबाज़ी और धारणाओं का अखाड़ा बन गया। जहाँ एक तरफ विरोध करने वालों ने इसे मुसलमानों की संपत्ति पर हमला बताया, वहीं दूसरी ओर समर्थकों ने इसे “वक़्फ़ के आतंक” से मुक्ति का रास्ता कहा। ये बहस केवल विधायी नहीं थी, बल्कि एक सोच को स्थापित करने की कोशिश भी थी। क्या इस्लामी देशों में वक़्फ़ होता ही नहीं? बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने संसद में यह दावा कर दिया कि कई इस्लामिक देशों में वक़्फ़ जैसी कोई संस्था नहीं…

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देशभक्ति बोले तो ‘गुनाह’? कब से राष्ट्रवाद हो गया कंट्रोवर्सी!

“भारत माता की जय” बोलना, तिरंगा लहराना या सेना की तारीफ करना—कभी ये बातें देशभक्ति की पहचान मानी जाती थीं। लेकिन आज, अगर कोई खुलकर राष्ट्रवाद की बात करता है तो उसे अक्सर “जाहिर एजेंडा”, “प्रोपेगेंडा” या “ध्रुवीकरण” के आरोपों से घेर लिया जाता है। तो सवाल ये है: क्या भारत में राष्ट्रवाद की बात करना अब गुनाह बन गया है? राष्ट्रवाद बनाम अंधराष्ट्रवाद: फर्क समझना ज़रूरी है राष्ट्रवाद यानी अपनी मातृभूमि से प्रेम, उसका सम्मान और समृद्धि के लिए काम करना। अंधराष्ट्रवाद में तर्क, आलोचना और बहस के लिए…

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