महिला जननांग विकृति (FGM) की प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार गंभीरता से सुनवाई शुरू कर दी है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने हालिया जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें FGM को “अमानवीय, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक” बताया गया है। याचिका का सीधा आरोप है — यह प्रथा नाबालिग लड़कियों के मौलिक अधिकारों का सबसे बड़ा और सबसे चुप्पा उल्लंघन है। क्या है FGM या ‘खफद’? — “सात साल की बच्ची और सदियों पुरानी सोच” याचिका के अनुसार, खफद एक प्रक्रिया है जिसमें…
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