सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में हाल ही में जो हुआ, वो कानून की किताबों में तो दर्ज नहीं था – लेकिन मीडिया की हेडलाइंस में ज़रूर दर्ज हो गया। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी. आर. गवई पर वकील राकेश किशोर ने कोर्टरूम में जूता फेंका।जी हां, वही अदालत जहाँ “Order in the Court” कहा जाता है, वहाँ आज “Disorder in Emotion” देखने को मिला। “कोई पछतावा नहीं, मुझे ऊपर वाले ने कराया” – वकील साहब का दर्शनशास्त्र घटना के बाद वकील राकेश किशोर ने कहा: “मैं नशे में नहीं था, मैं…
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Supreme Shoe Drama: “सनातन रक्षक” रूप या न्याय की अवमानना?
भारत के सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। जहां कानून का राज चलता है, वहां एक वकील ने खुद को “सनातन का सिपाही” समझते हुए सीधा जूता CJI की ओर उछाल दिया। शुक्र है कि सुरक्षाकर्मियों की फुर्ती ने हालात को बिगड़ने से पहले ही संभाल लिया। क्या हुआ कोर्टरूम में? CJI बी.आर. गवई की अध्यक्षता में बेंच जब सुनवाई कर रही थी, तभी एक वकील ने अपनी मर्यादा तोड़ते हुए जूता निकालकर फेंकने की कोशिश की। वह चिल्लाता रहा:…
Read Moreप्रशासनिक पृष्ठभूमि वाले जज सरकार के खिलाफ आदेश देने से कतराते हैं
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने एक दुर्लभ और ईमानदार स्वीकारोक्ति की — वो भी सार्वजनिक मंच पर। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के 10वें अखिल भारतीय सम्मेलन 2025 में उन्होंने कहा, “प्रशासनिक सेवाओं से आने वाले जज अक्सर सरकार के खिलाफ आदेश देने से बचते हैं। वे अपनी पृष्ठभूमि नहीं भूलते।” ये बयान सुनकर कानून के छात्रों से लेकर ट्वीटर पर बैठे ‘लॉ एक्सपर्ट्स’ तक सब चौंक गए। एक तरफ जहां इसे “सिस्टम के भीतर से आई ईमानदारी” कहा जा रहा है, वहीं कुछ लोग इसे “जजों में…
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