लखनऊ की अजादारी: मोहर्रम की परंपरा, इतिहास और गंगा-जमुनी तहज़ीब का संगम

मोहर्रम का महीना सिर्फ शोक और इबादत का नहीं, बल्कि इतिहास, बहादुरी और इंसानियत की मिसाल है। पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में पूरी दुनिया में अजादारी होती है, लेकिन लखनऊ की अजादारी न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक परंपराओं की एक बेमिसाल मिसाल है। यहां के शाही जुलूस, मर्सिये, ताबूत और गंगा-जमुनी तहज़ीब इसे विश्वभर में खास बनाते हैं। 06 जुलाई की ब्रेकिंग न्यूज़: प्रतापगढ़ से लेकर अमेरिका तक की 10 बड़ी खबरें तीन शाही जुलूस: नवाबी दौर…

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वाह दत्त सुलतान, हिंदू का धर्म, मुसलमान का ईमान, आधा हिंदू आधा मुसलमान

हुसैनी ब्राह्मण एक अद्वितीय समुदाय है जो मुख्य रूप से मोहयल ब्राह्मणों से संबंधित है। यह समुदाय विशेष रूप से पंजाब, जम्मू, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। इनका इतिहास और संस्कृति हिंदू और इस्लामिक परंपराओं का मिश्रण है, जो भारतीय उपमहाद्वीप की धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। वक्फ़ बोर्ड में अब गैर-मुस्लिम भी! केंद्र बोला: धर्मनिरपेक्ष है प्रबंधन करबला युद्ध में भागीदारी: किवदंती के अनुसार, मोहयल ब्राह्मणों के दत्त उपवंश के एक सदस्य, रहब सिद्ध दत्त, ने इमाम हुसैन…

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