भसड़ यानी “जहाँ कोई बात शुरू हो और फिर बात नहीं बचती।” भारत की गलियों, कॉलेज कैंपसों, न्यूज डिबेट्स, व्हाट्सएप ग्रुप और संसद के गलियारे तक — भसड़ एक राष्ट्रीय भावना है। आपने कभी सुना होगा: “तू चुप रह, यहाँ भसड़ मत कर।” “यार, मीटिंग में भसड़ मच गई।” पाकिस्तान का “ड्रामा बम”: 5 भारतीय लड़ाकू विमान गिराने का दावा, सबूत ‘गैर-हाज़िर’ भसड़ की परिभाषा: भसड़ = बहस × बवाल ÷ उद्देश्य जहाँ कोई मुद्दा इतना बिगड़ जाए कि लोग आपस में ही टूट पड़ें और मूल विषय कब का हवा हो जाए…
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