जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले के चश्मदीद कुलदीप ने बताया कि कैसे फायरिंग के बीच उन्होंने अपने बच्चों को बचाया और कैसे उनकी पत्नी व परिवार सुरक्षित निकला। 17 अप्रैल को कुलदीप अपने परिवार संग जम्मू पहुँचे। वहाँ से गुलमर्ग, सोनमर्ग घूमते हुए वे 18 अप्रैल को पहलगाम पहुँचे थे। छुट्टियों का माहौल था — खेल-कूद, मस्ती और रील बनाने में पूरा परिवार व्यस्त था। इसी दौरान अचानक फायरिंग की आवाज़ गूंजी।कुलदीप ने न्यूज़ एजेंसी को बताया, “पहले तो सोचा कोई पटाखा फूटा होगा, लेकिन दूसरी बार आवाज़ आई…
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